डीम्ड युनिवेर्सिटी बताकर प्राइवेट युनिवेर्सिटी डाली !?

20 अक्टूबर 2001 श्री वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास की एक मीटिंग में जिसमे श्री रामकुमार मुछाल तत्कालीन सचिव ,श्री बाबूलाल जी बाहेती,पुरुषोत्तमदास पसारी,रघुनाथ प्रसाद तुलस्यान एवं गिरधर गोपाल जी नागर सभी निवासी एम् .टी एच क्लॉथ मार्केट इंदौर व दो गवाह अभीजीत चटर्जी एवं योगेश पिंगले मौजूद थे .इस मीटिंग में यह निर्णय लिया गया की चूँकि श्री वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास द्वारा संचालित तीन कालेज UGC एक्ट 1956 की धारा 3 के अंतर्गत डीम्ड विश्वविधालय होने की पात्रता रखते है और इस हेतु नए ट्रस्ट की स्थापना का निर्माण करने के लिए न्यास की साधारण सभा की बैठक दिनांक 20 अक्टूबर 2001 को संपन्न हुई जिसमे यह निर्णय लिया गया है की श्री वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के समस्त सदस्य यह निर्णय करते है की UGC एक्ट 1956 की धारा 3 के अंतर्गत डीम्ड विश्वविधालय का दर्जा प्राप्त करने के लिए श्री वैष्णव विद्यापीठ ट्रस्ट की स्थापना की जावे .इस तरह वैष्णव विद्यापीठ ट्रस्ट की स्थापना डीम्ड विश्वविद्यालय डालने के लिए की गयी थी न की लाभ अर्जित करने के लिए प्राइवेट युनिवेर्सिटी स्थापित करने के लिए !? पिछले 18 सालो से श्री वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के तहत चलने वाले चारो कालेजो में से इंजीनियरिंग को छोड़कर बाकि तीन कालेज अभी भी श्री वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के अंतर्गत ही चल रहे है ?अभी तक इनका विलय श्री वैष्णव विद्यापीठ ट्रस्ट में नहीं हुआ है !? और ये प्रदेश सरकार की युनिवेर्सिटी से मान्यता प्राप्त है !? यहाँ के टीचर्स ,प्रोफेसर और लेक्चरर के अलावा यहाँ के फण्ड का उपयोग वैष्णव प्राइवेट यूनिवर्सिटी को खड़ा करने में लगाया जा रहा है जो पूर्णतया अवैधानिक है और चैरिटेबल ट्रस्ट की मूल भावना के बिपरीत है !

श्री महाराजा तुकोजीराव क्लॉथ मार्केट इंदौर के कपडा व्यापारियों ने सन 1928 की वैष्णव सहायक कपडा मार्केट कमेटी का विधिवत पंजीयन पंजीकरण सोसायटीज एक्ट के तहत  सन 1965 में पंजीकृत करवाया था (रजिस्ट्रेशन नंबर 720 दिनांक 16.3.1965 ) यह संस्था वैष्णव ग्रुप ऑफ़ ट्रस्ट की सुप्रीम बॉडी है .इसी संस्था के समस्त सदस्यों ने 4 जुलाई १९८१ को प्रस्ताव पास कर “श्री वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास (ट्रस्ट )का निर्माण कर 31 दिसंबर १९८१को सोसायटीज एक्ट के तहत  पंजीकृत करवाया (रजिस्ट्रेशन नंबर 217 दिनांक31.12.1984 ) था .इस शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास के तहत सार्वजानिक जनता के परमार्थ के लिए स्कूल एवं कालेजो का निर्माण करना ,खेलो के लिए स्टेडियम ,विश्राम गृह बनवाना ,अस्पतालों का निर्माण करना ,बीमार मरीजो को दवाइया , नलकूप ,प्याऊ, एवं सार्वजानिक सार्वजनिक शमसान बनवाना, गरीबो और जरुरत मंदों के लिए अन्न ,वस्त्र एवं आर्थिक सहायता प्रदान करना ,छात्रो को पठन पाठन सामग्री और छात्रवृति बितरित करना था .इसी उद्देश्यों को पूरा करने हेतु  श्री वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक न्यास द्वारा सन १९६७ में वैष्णव कॉमर्स १९८७ में वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनजमेंट 1995 में इंजीनियरिंग कॉलेज और 2005 में वैष्णव लॉ कालेज की स्थापना की .ये चारो कालेज प्रदेश सरकार की सरकारी यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त है .

 

श्री वैष्णव विद्यापीठ ट्रस्ट की इसी ट्रस्ट डीड के आधार पर मध्य प्रदेश सरकार ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी डालने की परमिशन कैसे दे दी जबकि ट्रस्ट डीड के मुताबिक इस ट्रस्ट का गठन डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने के लिए किया गया था !? प्राइवेट यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी दोनों की वैधानिकता अलग अलग है !

पिछले 18 सालो से पुरुषोत्तम दास पसारी ही है श्री वैष्णव विद्यापीठ पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष !जबकि हर तीन सालो में ट्रस्ट का चुनाव ट्रस्ट डीड के अनुसार होना चाहिए !

चैरिटेबल ट्रस्टो के द्वारा नाम मात्र की चैरिटी की आड़ में चलाया जा रहा है अरबो रूपये का शिक्षा का व्यापार !?

पिछले 135 सालो से मात्र गिनती के परिवारों का   पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट पर कब्ज़ा है!?ये पब्लिक ट्रस्ट है या फैमिली ट्रस्ट !?

वैष्णव शेक्षणिक एवं पारमार्थिक ट्रस्टो के तहत चलने वाले  4 कॉलेज इंजीनियरिंग ,लॉ ,कॉमर्स एवं मैनेजमेंट जो की सरकारी यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त है उनको में पिछले 18 सालो  में श्री वैष्णव विद्यापीठ पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट में विलय क्यों नहीं किया !? इंजीनियरिंग कालेज का विलय किया जा चूका है !

मात्र 5000रूपये की पूंजी से शुरू हुए वैष्णव विद्यापीठ ट्रस्ट ने प्राइवेट यूनिवर्सिटी के लिए तकरीबन 200 करोड़ की 51 एकड़ जमीन कैसे खरीदी !? ये 200 करोड़ रूपये कहा से और किन सोर्सेस से इकठ्ठा किये गए !?

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