इंदौर के थाना तुकोगंज की ये कैसी इन्वेस्टीगेशन ,अनुसन्धान और जांचे है की सभी आरोपी दोष मुक्त हो गए !?
क्या यही हाल सभी थानों का है !?
आई पी सी की धारा 294,323,324,326 से लेकर 307,392,394 के अलावा 376,377,363 और 25/27 आर्म्स एक्ट व 354 a,354 d , लेंगिक अपराधो से बालको का सरंक्षण जैसे गंभीर अपराधो में के तहत एफ आई आर लिखी गयी ,मुक़दमे बनाये गए ,लोगो को जेल भेजा !? लेकिन अपराध सिद्द नहीं कर पाए न्यायालय में !?
इंदौर के थाना तुकोगंज द्वारा आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गयी एफ.आई आर और पुलिस रिमांड उसके बाद 60 व अधिकतम 90 दिनों में आरोपियों के खिलाफ सम्पूर्ण जांच कर जुटाए गए सबूत ,गवाह ,घटना स्थल का मौका नक्शा,फॉरेंसिक जांच को लेखबद्ध कर न्यायालय चार्ज शीट या चालान के रूप में पेश करने के बाद सेकड़ो मुकदमो में से मात्र गिनती के मुक़दमे को छोड़कर तकरीबन 90 प्रतिशत से ज्यादा मुकदमो में आरोपियों को सजा नहीं दिला पाए उसकी एक बानगी की पिछले 6 महीनो में तुकोगंज थाने से सम्बंधित न्यायालय और सेशन न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा अपराध को सिद्ध न कर पाने की वजह से पुलिस के द्वारा बनाये गये सभी निरपराध आरोपियों और जिन्होंने वाकई अपराध किया है उन आरोपियों को बरी करना पड़ा क्योकि पुलिस और अनुसंधानकर्ता अधिकारी ने या तो सबूत ही नहीं जुटाए या सबूतों को जुटाने में पूर्ण रूप से लापरवाही बरती या फिर झूठी एफ .आई .आर दर्ज कर ली .पिछले 6- 7 महीनो में जिन केसों में आरोपी न्यायालय में बरी किये गए है उसकी एक लिस्ट –
अपराध क्रमांक या एफ आई आर नंबर
549/2016 ,742/2014, 392/2016, 538/2015, 970/2010, 630/2018, 632/2018, 530/2018, 577/2014
438/2018, 293/2015, 844/2015, 393/2015, 504/2015, 140/2017, 217/2019, 51/2019, 318/2018, 508/2018, 191/2018, 495/2018, 622/2018, 20/2019, 433/2018, 73/2019, 545/2018, 508/2018, 318/2018, 102/2019, 71/2019, 703/2013, 660/2014, 76/2018, 308/2018, 235/2018, 514/2017…………………………………………………………………बाकि है !?