धोखाधड़ी : कंज्यूमर फोरम ने दिलाया जुर्माना
इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के बीच लोगों की ऑनलाइन शॉपिंग की रुचि भी बढ़ती जा रही है। सुलभ तरीके से घर बैठे प्रोडक्ट मंगवा लेने की इस सेवा में खामियां भी सामने आ रही हैं। जिला उपभोक्ता फोरम में लगातार कई ऐसे केस सामने आ रहे हैं, जिनमें लोग ऑनलाइन शॉपिंग प्रोडक्ट में खामियों का आरोप लगाकर शिकायतें दे रहे हैं। लोगों की उपभोक्ता अदालतों के प्रति बढ़ रही जागरूकता व उपभोक्ता अधिकार भी शिकायतों की बढ़ोतरी की एक अहम वजह है।
- उपभोक्ता फोरम, चंडीगढ़ से ऑनलाइन शॉपिंग कर फंसे उपभोक्ताओं को इंसाफ मिला है। इस वर्ष फोरम द्वारा ऐसे ही कुछ मामलों में सुनाए फैसले इस प्रकार हैं। जुलाई में ऑनलाइन पोर्टल बै्रंड्सविलेज आंस की शॉपिंग प्रा.लि. पर उपभोक्ता फोरम ने 5 हजार रुपए हर्जाना ठोका था। इसे फोरम ने सेवा में कोताही बरतने का दोषी पाया था। मामले में सेक्टर 44 के जसदीप सिंह वालिया शिकायतकर्ता थे। उन्होंने ऑनलाइन जूते ऑर्डर किए थे। उन्हें गलत नंबर के जूते भेज दिए गए थे। फोरम ने अपने आदेशों में प्रतिवादी कंपनी को जूते की रकम 3060 रुपए भी वापस करने को कहा था।
- अप्रैल में ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल डाइनिंग प्लस इंडिया समेत राष्ट्रीय स्तरीय बैंक को शिकायतकर्ता को 20 हजार रु. अदा करने के आदेश दिए। फोरम ने आदेश में कहा है कि सेक्टर-20 के सुरेश कुमार नामक शिकायतकर्ता को फ्री गिफ्ट वाऊचर देने में नाकाम रहा था।
- कैंसिल ऑर्डर पर रकम वापस न देने के मामले में मार्च में सुनाए एक फैसले में ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल यैंपी डॉटकॉम काम को सेक्टर-9 की शिकायतकर्ता रिधिमा ओहरी के 2 हजार रुपए वापिस करने के आदेश दिए थे।
- फरवरी में शापिंग पोर्टल बैग आई.टी. को 2 हजार रुपए हर्जाने के रूप में ठोकते हुए उपभोक्ता फोरम ने 1 हजार रुपए अदालती खर्च भी भरने के आदेश दिए थे।
- सेक्टर 45 के राजीव सुदेरा शिकायतकर्ता का जूते का ऑर्डर प्रतिवादी पक्ष भेजने में नाकाम रहा था। फोरम ने प्रतिवादी पक्ष को शिकायतकर्ता द्वारा ऑर्डर के रूप में दिए गए 1115 रुपए भी वापस करने के आदेश दिए थे।
- चंडीगढ़ के कंज्यूमर कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान पंकज चांदगोठिया का कहना है कि अब पहले के मुकाबले बीते एक-दो वर्षोंं में ऑनलाइन शॉपिंग के मामले उपभोक्ता फोरम में तेजी से बढ़े हैं। कुल शिकायतों में से 3 से 4 प्रतिशत हिस्सा ऐसी शिकायतों का है।
- इंटरनेट के माध्यम से बढ़ते व्यापार को लेकर केस बढ़ रहे हैं। पोर्टल पर तस्वीरें देखकर उपभोक्ता आर्डर तो कर देता है मगर उसे कई बार इच्छा के मुताबिक प्रोडक्ट नहीं मिल पाता। वहीं प्रोडक्ट में कई बार खराबी, टूट-फूट या देरी से पहुंचना अथवा न पहुंचना भी ऐसी शिकायतों का कारण होता है। इस वर्ष तेजी से ऐसे मामले बढ़े हैं। अप्रैल से लेकर अभी तक करीब 50 के लगभग ऐसे केस फोरम के सामने आए हैं।