देश के असली मेहनती किसान की खेती की जमीने तो कब की या तो बिक चुकी है! या उनसे हथिया ली गई है!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर # Farmer Movement
- खेत पर खून, पसीना तो अनुसूचित जाति और जनजाति के गरीब मजदूर बहा रहे हैं!
- आज देश में मात्र 10 फीसदी खेती की जमीन असली किसान के नाम पर है! बाकी सब व्यापारी, अधिकारी, सरकारी, उद्योगपति और भ्रष्टाचारियों और नेताओं के नाम पर है!
- प्रधानमंत्री किन 12 करोड़ किसानो के खा
- तों में 72 हजार करोड़ रुपये सालाना डाल रहे हैं यह भी जांच का विषय है!
- देश में ऐसे कितने असली किसान है, जिनकी रोज़ी-रोटी और आमदनी का जरिया सिर्फ और सिर्फ खेती किसानी है! क्या सरकार के पास ऐसा कोई डाटा हैं!?
सन 2021 मे भारत आज भी यह कह
ता है कि वो एक क्रषी प्रधान देश है! वही दूसरी तरफ यह बात भी उतनी ही सही है कि देश जातियों और धार्मिक सम्प्रदायों मे बटा हुआ है! *आज देश के तकरीबन 99 फीसदी से ज्यादा मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक से लेकर कलेक्टर (Col
lector), कमिश्नर, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, सरकारी शिक्षक, व्यापारी, उद्योगपति सभी किसान है! सबके पास गाओ और शहरो के आसपास खेती की कई एकड़ जमीन है! फिल्म अभिनेताओं, बड़े सेलेब्रिटी, उद्योगपतियों और तकरीबन प्रत्येक भ्रष्टाचारी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी के पास बेनामी नामों से खेती की जमीने है! भ्रष्टाचार और कालेधन की कमाई से बड़े पैमाने पर खेती की जमीने फार्म हाउस के नाम पर खरीदी गई है!
गाओ, कस्बों में तकरीबन हर बनिये, साहूकार और दुकानदारों के पास खेती की जमीने है! जो उन्होंने असली किसानो को व्याज पर पैसे या बेताहाशा मुनाफे पर सामान बेच कर उसके एवज मे उनसे हथिया ली है!
दबंगों, धूर्त साहूकारों, व्याजखोर दुकानदारों ने असली खेतिहर किसानो से बड़ी चालाकी और धूर्तता से उनकी खेती की जमीनों को हड़प लिया! कालांतर में राजा और उसके जमींदारों ने ताकत और सत्ता के बल
पर लाखो लोगों से उनकी खेती की जमीनों को उनसे छीन लिया! आज देश की 90 फीसदी खेती मजदूरों के माध्यम से या तो सीधे तौर पर या बटाई के माध्यम से की जा रही है! खेत पर ठंड, बरसात और गर्मी में जो लोग पसीना बहा रहे हैं वो आज भी 99 फीसदी एस सी और एस टी वर्ग के गरीब, शोषित मजदूर है! जिनके पास या तो खेती की जमीन नहीं थी और यदि कुछ थोड़ी बहुत थी भी तो सरकार ने विकास के नाम पर राजसत कर ली!
@ री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर