बिलासपुर। उपभोक्ता फोरम ने एक फैसले में आईसीआईसी आई लोम्बार्ड बीमा कंपनी को साढ़े चार लाख दावा भुगतान और 25,000 रु. क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। दुर्घटनाग्रस्त वाहन के बीमा अवधि में होने के बावजूद कंपनी ने भुगतान में आना-कानी की थी। वीरेंद्रप्रताप सिंह पिता राम अवतार (58) निवासी पाली रोड दीपका कोरबा, वर्तमान में राजकिशोर नगर बिलासपुर में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस लिंक रोड पर वाद दायर किया था। केस डायरी के अनुसार वीरेंद्र ने स्वरोजगार योजना के तहत एचडीएफसी बैंक से वित्तीय सहायता प्राप्त कर एक ट्रक क्रमांक सीजी 04जी 7921 खरीदा था और उसका बीमा आईसीआईसीआई से 1.10.2010 से 30-9-2011 की अवधि के लिए कराया था। 03- 05-2011 को यह वाहन कोयला परिवहन के दौरान ढेलवाडीहक पास ट्रेलर क्रमांक सीजी 4जी 7522 की ठोकर से क्षतिग्रस्त हो गया। जिसकी रिपोर्ट कटघोरा थाने में दर्ज कराई गई। कंपनी को भी सूचना दी गई। कंपनी के निर्देश पर वाहन मरम्मत के लिए कोरबा की रामदेव वर्कशाप में ले जाया गया, जहां खर्च 5,40,350 रु. बताया गया। बीमा कंपनी द्वारा 4,50,000 रुपए देने का आश्वासन दिया गया, परंतु भुगतान नहीं किया गया। बीमा कंपनी ने कहा हायर पर्चेस एग्रीमेंट का निलंबन न होने तथा अनापति प्रमाण पत्र न होने के कारण भुगतान नहीं हो रहा है। फोरम ने कहा इस तथ्य में विवाद नहीं है कि वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ और बीमा दावा किया गया। वीरेड ने बैंक से बंधन मुक्त कराने के लिए रजिस्ट्रेशन की कॉपी की है, जिससे ऋण भुगतान के बाद अनापत्ति प्रमाण पत्र का उल्लेख है। इसके बाद बीमा कंपनी का आनाकानी करना सेवा में कमी है। इसलिए बीमा कंपनी वीरेंद्र को एक माह के भीतर 4,50,000 का भुगतान करे, क्षतिपूर्ति 25,000 और वाद व्यय 2000 का भुगतान भी करे।