चेन्नई । मद्रास हाई कोर्ट परिसर स्थित फैमिली कोर्ट में पिछले बुधवार को मुवक्किल व वकील हैरान-परेशान हो गए, जब अतिरिक्त फैमिली कोर्ट की जज वी चारूहासिनी अचानक बेहोश हो गईं। उनके बेहोश होने के पीछे काम का ज्यादा बोझ व थकान बताया जा रहा है। वैसे इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वहां 4 फैमिली कोर्ट हैं, जिनमें 18,000 से ज्यादा मामले लंबित हैं। बुधवार को केवल एक जज की अदालत में 341 मामलों की सुनवाई होनी थी। ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जज की क्या हालत होगी। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार, इससे पहले 14 सितंबर को हाईकोर्ट ने चारों फैमिली कोर्ट के जजों का तबादला चेन्नई किया था। इनमें से दो ने कहीं और पदभार संभाला और एक ने पारिवारिक कारणों से छुट्टी ले ली। केवल एक जज बची हुई थीं, वी चारूहासिनी। बीते 8 अक्टूबर से अब तक जज चारूहासिनी ही अकेली चारों कोर्ट का काम देख रहीं थीं। जज के बेहोश होने के कारण सभी मामलों की तारीखें एक सप्ताह नहीं बल्कि महीनों के लिए आगे बढ़ा दी गईं हैं। बुधवार को भी उन्हें 335 मामले सुनने थे और छह अन्य मामलों में फैसला सुनाना था। इसके अलावा, उन्हें कुछ प्रशासनिक काम भी निपटाने थे। इस बारे में वकील आर.वाई. जॉर्ज विलियम्स ने बताया कि यह बेहद थका देने वाला काम है। उन्होंने आगे बताया, ‘मैंने अपने कई मुवक्किलों को कहा है कि वे अपनी छुट्टियां खराब नहीं करें। मेरे काफी मुवक्किल आए और अगली तारीख दिए जाने की साधारण कार्यवाही देखकर वापस लौट गए।Ó वकील विलियम्स ने बीते बुधवार की सुबह ही यह मामला मुख्य न्यायाधीश संजय किशन पॉल व जस्टिस टी.एस. शिवगणनम के सामने उठाया।
इस पर जजों ने उन्हें बताया कि इस मुद्दे पर पूरा ध्यान है। आप को बता दें कि चारों फैमिली कोर्ट में कुल मिलाकर 18,000 वैवाहिक विवाद लंबित हैं। इनमें से 470 मामले पिछले 7 साल से लंबित पड़े हैं। 39 मामले 10 साल से लंबित हैं, जबकि 690 मामले 5 साल से अधिक समय से
लंबित पड़े हैं।