नई दिल्ली। मई महीने में भी कारों की बिक्री पॉजीटिव रही है। नए मॉडल और कमजोर बेस के चलते इस महीने में सेल्स 6-7 पर्सेंट बढ़ी। अप्रैल में कार सेल्स में 18 पर्सेंट की शानदार बढ़ोतरी हुई थी। कार सेल्स में सबसे ज्यादा कांट्रिब्यूशन मारुति सुजुकी का रहा। कंपनी की सेल्स 13.8 पर्सेंट बढ़कर 1,14,825 यूनिट्स रही। भारत में इसकी बिक्री 13 पर्सेंट बढ़कर 1,02,359 यूनिट्स रही। वहीं, एक्सपोर्ट 20 पर्सेंट बढ़कर 12,466 यूनिट्स तक पहुंच गया। कंपनी ने बताया कि नए ऑल्टो के 10 और सियाज मॉडल्स की अधिक मांग के
चलते सेल्स ग्रोथ बढ़ी है। मारुति ने मई में सियाज की 5,012 यूनिट्स बेचीं। कंपनी ने इस मिड साइज सिडान को पिछले साल अक्टूबर में लांच किया था। वहीं, ऑल्टो और वैगनआर जैसे कॉम्पेक्ट मॉडल्स की सेल्स 20 पर्सेंट बढ़कर 35,062 यूनिट्स हो गई। हुंडई मोटर कंपनी की सेल्स में उम्मीद से कम 3.4 पर्सेंंट की बढ़ोतरी हुई। भारत में उसकी सेल्स 37,450 यूनिट्स रही, जबकि पिछले साल मई में उसने 36,205 कारें बेची थीं। कंपनी का एक्सपोर्ट पिछले महीने 2.9 पर्सेंट बढ़कर 15,065 यूनिट्स रहा। हुंडई में सेल्स एंड मार्केटिंग के वाइस प्रेसीडेंट राकेश श्रीवास्तव ने बताया, ‘रूरल मार्केट में सेल्स घट रही है। वहीं, डीजल गाडिय़ों की मांग में कमी आई है। पिछले चार महीनों से आई 20 एलीट और एक्टिव की सेल्स 10,000 यूनिट्स से ज्यादा बनी हुई है। कॉर्पोरेट और रूरल एरिया में मांग कमजोर रहने के चलते कुछ महीनों तक बाजार की हालत खराब रह सकती है।Ó
टाटा मोटर्स ने 11,138 कारें बेचीं
प्रीमियम सेगमेंट में दमदार मौजूदगी रखने वाली होंडा कार्स इंडिया की सेल्स मई में 1 पर्सेंट बढ़कर 13,431 यूनिट्स रही। वहीं, रेवेन्यू के लिहाज से देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स की पैसेंजर व्हीकल्स की सेल्स डोमेस्टिक मार्केट में 21 पर्सेंट बढ़ी। उसने 11,138 कारें बेचीं। कंपनी को हाल में लांच जेस्ट सेडान और बोल्ट हैचबैक की मांग का फायदा मिला। टाटा मोटर्स ने बताया कि मई में पैसेंजर कार सेल्स 32 पर्सेंट बढ़कर 9,176 यूनिट्स हो गई। हालांकि, यूटिलिटी व्हीकल्स की बिक्री इस महीने में 15 पर्सेंट घटकर 1,962 यूनिट्स रही। टाटा मोटर्स के प्रेसीडेंट (पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस यूनिट) ने कहा, ‘भारत में हमारे कारों की मांग मजबूत बनी हुई है। अभी भी ऑटो मार्केट में धीमी रफ्तार से रिकवरी हो रही है। मानसून के सामान्य से कम रहने का अनुमान दिया गया है। अगर मांग सुस्त बनी रही तो इंडस्ट्री को नुकसान होगा।Ó उन्होंने यह भी कहा कि मानसून के बाद फसलों की कटाई और मेक्रो-इकनॉमिक ग्रोथ से उन्हें फाइनेंशियल ईयर के आखिरी के 6 महीनों में ऑटो सेल्स बढऩे की उम्मीद है। अप्रैल में कार सेल्स 18 पर्सेंट बढ़ी थी। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि 2015 में ऑटो सेल्स पॉजिटिव रहेगी।