सरकार की सोच में जनता की मन्यताओं और परंपराओं का सम्मान है
ये कैसे और कौन हिंदू है जो राफेल विमान की हिंदू पद्धति से पूजा का विरोध कर रहे!?
इंदौर, (री-डिस्कवर इंडिया न्यूज)। भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह दशहरे के दिन पहले लड़ाकू विमान की डिलीवरी लेने फ्रांस गए तो सबसे पहले उन्होंने लड़ाकू विमान का हिंदू मान्यताओं, पूजा पद्धति, संस्कृति और संस्कारों के तहत विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजा की परंपरा का निर्वहन करते हुए लड़ाकू विमान राफेल का पूजन किया। रक्षामंत्री ने राफेल की पूजा करते हुए उस पर ओम लिखा, नारियल चढ़ाया और पहियों के नीचे हरे नीबू भी रखे।
जब इस पूजा की फोटो भारत व पूरी दुनिया में सामने आई तो खासकर भारत में विपक्षी पार्टियों और कांग्रेस ने इसका मजाक उड़ाया। सिर्फ राजनीतिक पार्टीया ही नहीं कुछ तथा कथित बुद्धिजीवियों, पत्रकारों और मीडिया के लोग भी इस पूजा पद्धति को अंधविश्वास, आडंबर और कई तरह के कुतर्क से आलोचना की और कर रहे है!?
जबकि हमारे यहां शुरू से ही ये सरकारी और निजी मान्यता रही है की हम कोई भी नया काम, कंस्ट्रक्शन शुरू करते है या नयी कार, मकान, नया घर, दुकान या कोई भी छोटी या बड़ी वस्तु खरीदते है तो उसका पूजन अपने धर्म की पद्धिति के अनुसार करते है यही हमारी संस्कृति और संस्कार है!
आज भी भारत में शस्त्र सेनाएं और पुलिस बल हर दशहरे को अपने शस्त्रागार में शस्त्रों की पूजा करने की मान्यता और परंपरा को निभाता आ रहा है !
क्या कोई खालिस हिंदू अपनी ही पूजा पद्धति और परंपराओं की आलोचना कर सकता है जब तक उस पूजा से किसी का नुकसान या हिंसा न हो रही हो!
यदि ये पूजा सरकार कर रही है तो सरकार भी अपने आप में एक व्यक्ति ही है। सरकार की सोच व कृत्य में अपने देशवासियों की सोच, विचारधारा, धर्म, आस्था, मान्यताएं और परंपराओं के प्रति सम्मान परिलक्षित होना चाहिए और फिर रक्षा मंत्री हिंदू परम्पराओं और पूजा पद्धति वो भी विजयादशमी के दिन लड़ाकू विमान राफेल की शस्त्र पूजा कर दी तो ये कौन और कैसे हिंदू हैं जो इसका मखौल और मजाक बना रहे हैं।
और रही बात विज्ञान की तो विज्ञान प्रकृति और अज्ञात उर्जा के सर्जन और विनाश जिसे खोजने की वह कोशिश कर रहा है, लेकिन पिछले 200 सालों में सफल नहीं हुआ है!
जिसे हम ईश्वर, भगवान, अल्लाह और जीसस के अलावा गुरुवों और तीर्थंकरों कहते है के प्रति आस्था, विश्वास, प्रार्थना और पूजा से चमत्कारिक उर्जा प्राप्त कर सफल होते सदियों से आये है ! असली हिंदू और भारतीय के लिए ये गर्व की बात है।