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रायपुर। रेलवे स्टेशन के पार्किंग स्थल से कार चोरी होने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने पार्किंग ठेकेदार लक्ष्मी इंटरप्राइजेस के प्रोप्रायटर हरि खंडेलवाल को पांच लाख रुपए ब्याज सहित देने का फैसला दिया है। दो साल पुराने इस मामले में लक्ष्मी इंटरप्राइजेस, स्टेशन मैनेजर और ओरिएंटल बीमा भाटापारा के शाखा प्रबंधक को अनावेदक बनाया गया है। भाटापारा निवासी मोहन मोटवानी 12 नवंबर 2011 को रायपुर आया था। रात्रि 11 बजे अपनी कार को रेलवे स्टेशन की पार्किंग में रखा और 10 रुपए की रसीद लेकर चला गया। स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह दूसरे दिन नहीं आ सका। इलाज के लिए उसे अस्पताल जाना पड़ा। 15 नवंबर 2011 को उपभोक्ता कार लेने के लिए स्टेशन पहुंचा तो उसकी कार गायब थी। उसने पार्किंग ठेकेदार से संपर्क कर पूछताछ की तो ठेकेदार ने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए फोन रख दिया। बाद में उपभोक्ता ने ठेकेदार को कई बार फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। फिर मोहन मोटवानी ने उसी दिन लिखित शिकायत आरपीएफ को की, जिस पर धारा 379 भादंवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई। उपभोक्ता ने बीमा कंपनी को इसकी सूचना लिखित में दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। तब उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया।
फोरम का निष्कर्ष
फोरम ने पाया कि ठेकेदार ने रेलवे से पार्किंग का लाइसेंस लिया है और शुल्क लेकर पब्लिक के वाहन पार्किंग स्टैण्ड पर रखता है। इसलिए पार्क किए गए वाहनों की जिम्मेदारी ठेकेदार पर बनती है। उसने ठेके के नियमों का पालन नहीं किया और वाहन की विधिवत सुरक्षा नहीं की। इस प्रकार ठेकेदार वाहन चोरी के लिए जिम्मेदार है। इसलिए उपभोक्ता को कार की कीमत उसे भुगतान करना होगा।
फोरम का फैसला
जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर, सदस्य प्रिया अग्रवाल, अंजू अग्रवाल ने रेलवे पार्किंग ठेकेदार की सेवा में कमी मानते हुए उपभोक्ता को पांच लाख रुपए 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित एक माह के भीतर भुगतान करने और वाद व्यय के लिए 5 हजार रुपए देने का फैसला दिया है।
स्टेशन पर सुरक्षा नहीं
रेलवे स्टेशन की पार्किंग पर वाहनों की सुरक्षा को लेकर आए दिन सवाल उठते रहते हैं। पेट्रोल निकाल लेने या टायर पंक्चर हो जाने की शिकायत यहां आम है। स्टैण्ड पर तैनात स्टैण्ड कर्मचारी पब्लिक से दुव्र्यवहार करते हैं और नियमों को ताक पर रखकर वसूली की जाती है, लेकिन बहुत कम घटनाएं ही पुलिस तक पहुंच पाती हैं।
ट्रेन से सामान चोरी, रेलवे को भरपाई का आदेश

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रायपुर। ट्रेन में यात्रा के दौरान चेन काटकर बैग चोरी के मामले में फोरम ने रेलवे को सामान की कीमत 42 हजार रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है। साथ ही उपभोक्ता को हुए मानसिक कष्ट के लिए एक लाख रुपए देने का फैसला सुनाया है। मोवा निवासी सिद्धार्थ शंकर पोद्दार उम्र 32 वर्ष ने 30 जनवरी 2013 को हावड़ा मुंबई मेल में एसी-3 में टिकट बुक कराया। उपभोक्ता ने हावड़ा से यात्रा शुरू की। उसने अपना ट्राली बैग चेन से बांधकर लॉक किया। ट्रेन में उसके बगल वाली बर्थ पर एक अज्ञात व्यक्ति सोया था, जो टाटा नगर में उतर कर उपभोक्ता की सीट पर बैठ गया। उपभोक्ता जब सुबह 8 बजे बिलासपुर स्टेशन पर जागा तो उसका बैग पार हो गया था। उपभोक्ता ने इंटरनेट के माध्यम से रेलवे को शिकायत की और स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराई। फोरम ने माना कि आरक्षित सीट में सुरक्षा की जवाबदारी रेलवे प्रशासन की होती है। लेकिन टीटीई ने मिलीभगत कर अज्ञात व्यक्ति को दूसरे की सीट पर बैठने की अनुमति दी। अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर, सदस्य प्रिया अग्रवाल, अंजू अग्रवाल ने फैसला सुनाया।

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