@ प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर

महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए केंद्र सरकार ने लोकसभा में बिल पेश किया

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने मंगलवार को लोकसभा में “बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021” पेश किया, जो सभी धर्मों में महिलाओं के लिए विवाह की आयु 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रावधान का प्रस्ताव करता है। मंत्री ईरानी ने कहा कि शादी की उम्र सभी धर्मों में एक समान होनी चाहिए और विधेयक को महिलाओं को समान अधिकार देने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए एक “ऐतिहासिक कदम” करार दिया| मंत्री ने कहा कि विधेयक भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम 1872, पारसी विवाह और तलाक अधिनियम 1936, मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम 1937, विशेष विवाह अधिनियम 1954, हिंदू विवाह अधिनियम 1955, विदेशी विवाह अधिनियम 1969 में विवाह के पक्षकारों की आयु के संबंध में दिए गए प्रावधानों में संशोधन करेगा। वर्तमान में, हिंदू सिखों, जैन और बौद्ध के लिए हिंदू विवाह अधिनियम के तहत दुल्हन की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और दूल्हे के लिए 21 वर्ष निर्धारित है.

वाही दूसरी तरफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि विधेयक “अवांछित, असंवैधानिक और संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है”। उन्होंने कहा कि विधेयक पर्सनल लॉ पर हमला है।

सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है। अगर कोई 18 साल की उम्र में मतदान कर सकता है तो कोई व्यक्ति इसी उम्र में शादी क्यों नहीं कर सकता? उन्होंने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत 18 साल की उम्र सेक्स के लिए सहमति की उम्र है और इस प्रकार शादी की उम्र बढ़ाना अनुचित है।

सदन में विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई कि विधेयक को कम समय सूचना (शॉर्ट नोटिस) पर पेश किया गया है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार ने बिना उचित परामर्श के जल्दबाजी में विधेयक पेश किया।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह बुधवार को महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस बदलाव को अमल में लाने के लिए विवाह की उम्र को नियंत्रित करने वाले व्यक्तिगत कानूनों जैसे बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006, विशेष विवाह अधिनियम और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 जैसे व्यक्तिगत कानूनों में संशोधन के लिए संसद में एक कानून पेश करने की आवश्यकता होगी।

2020 में जया जेटली की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स ने मातृ मृत्यु दर को कम करने और पोषण स्तर में सुधार के मुद्दे की जांच के लिए सिफारिश की थी कि महिलाओं और पुरुषों की शादी की उम्र को एक समान किया जाए। .

@ प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर

 

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