जब सरकार स्वयं अपराधिक षड्यंत्र में शामिल हो! हत्या, वसूली जैसे जघन्य अपराधों को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से अंजाम दे तो आम नागरिक की बात छोड़ो अंबानी क्या कर लेगा!?

 

अपराधिक पृष्ठभूमि और माफिया चलाने वाले राजनेताओ, उनके राजनीतिक संगठनों और उनकी सरकारों के निजी स्वार्थो से अब देश में कोई उद्योगपति, व्यापारी, आला दर्जे का प्रशासनिक, या पुलिस का अधिकारी कोई नहीं बच सकता है!

@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
देश के अमूमन सभी राज्यों मे सरकारे किसी न किसी राजनीतिक पार्टी की है! राजनीतिक पार्टियों और पार्टी के संगठनों को चलाने, चुनाव लड़ने, सरकारे गिराने और बनाने के लिए विधायको और सांसदो की खरीद फरोख्त करने, चुनाव के समय बड़े पैमाने पर मतदाताओं के वोटो की खरीद फरोख्त करने के लिए अरबों – खरबो रुपए की आवश्यकता होती है! और ये पैसा मुख्यतः बड़े उद्योगपतियों, व्यापारियों, सभी सैक्टर के माफियाओं, सरकारी ठेकेदारों, भ्रष्ट महकमों के बड़े प्रशासनिक, पुलिस और राजस्व के अधिकारियों के माध्यम से आता है! कई बार यह सब चुपचाप चल कर आता है! कई बार डरा – धमका कर! या फिर किसी एक दो पर बड़ी प्रशासनिक कारवाई कर के!
लेकिन महाराष्ट्र में इस बार एक ऐसे उद्योगपति जिसकी तूती न सिर्फ देश में वरन पूरी दुनिया के सबसे धनवान और ताकतवर लोगों मे होती हो! से वसूली के लिए या डराने के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार और पुलिस के आला अधिकारीयों ने अपने राजनीतिक आकाओ के कहने पर सीधे तौर पर जघन्य अपराधिक साजिश अंजाम दिया!
मुकेश अंबानी सिर्फ देश के ही नहीं वरन दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में शुमार शख्सियत है! मुकेश अंबानी को धमकी, उनकी हत्या की योजना और उन्हें डराकर अवैध वसूली के अपराधिक कृत्य को अंजाम देने का दुस्साहस तो दूर की बात ऐसा सोचना किसी भी बड़े से बड़े अपराधिक गिरोह या आतंकवादी संगठन के लिए भी आत्मघाती कदम होगा! लेकिन ऐसा दुस्साहस देश के औद्योगिक प्रदेश महाराष्ट्र की सरकार मे शामिल कुछ बड़े नेता जिन्हें हम सरकार कहते हैं! ने पुलिस विभाग में शामिल अपराधिक पृष्ठभूमि वाले पुलिस अधिकारी जिनकी नियुक्ति देश के सभी प्रदेशों में राजनेताओं के दवाब और प्रभाव से की जाती है के माध्यम से अंजाम देने किया! वो तो इसे मुकेश अंबानी की किस्मत कहेंगे कि केंद्र में राज्य के विपरीत सरकार बैठी है, या यू कहे अंबानी के खास लोग देश के हुक्मरान है! तो जांच भी केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से हो रही है! नहीं तो सारा ठीकरा पाकिस्तान, विदेशी ताकतों या आतंकवादी संगठनों के माथे मड़ दिया जाता! जैसा कि शुरुआती दौर में महाराष्ट्र सरकार द्वारा किया भी गया!
अब रही बात अंबानी के हाई प्रोफाइल और सख्त राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों से चाक चौबंद घर के सामने खुलेआम विस्फोटको से लदी एक स्कॉर्पियो गाड़ी 24 घंटे लावारिस हालत में खड़ी रहे, वो भी जब चारो तरफ उच्च गुणवत्ता के सी सी टीवी कैमरे लगे हो! और तो और गाड़ी खड़ी करने के बाद दूसरी इनोवा गाड़ी से अपराधी बैठ कर भाग निकले! इतना खुलेआम अपराधिक साजिश को अंजाम देना के दो मतलब हो सकते हैं! पहला इस साजिश को अंजाम देने वाले या तो नौसीखिये हो सकते हैं या फिर ऐसे लोग जिन्हें यह विश्वास हो कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है क्योंकि हम सरकार है या सरकार के आदमी!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर

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