ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में पैसेंजर व्हीकल की मांग में कमी आने की वजह से कई बड़ी कंपनियों ने प्रोडक्शन को कुछ समय के लिए बंद किया है और कई कंपनियां बंद करने की तैयारी में हैं.
देश में ऑटोमोबाइल कंपनियों को पैसेंजर व्हीकल की डिमांड में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. देश में पैसेंजर व्हीकल की मांग और बिक्री की कमी के चलते हजारों गाड़ियां बिकने के लिए खड़ी हैं. कम बिक्री की खास वजह है देश में बढती बेरोजगारी , घरेलु व्यापार में ज्यादा उठाव नहीं होने के अलावा ईंधन की कीमतों में वृद्धि और वित्तीय कंपनियों के बीच तरलता का संकट. इसकी वजह से देश की कई बड़ी ऑटो कंपनियों ने अपने प्लांट में उत्पादन में कमी की है
कई बड़ी ऑटो कंपनियां जैसे मारुति सुजुकी, महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने अपने पिछले स्टॉक को क्लियर करने के लिए नए उत्पादन को रोका है. इन कंपनियों ने जून के महीने में व कुछ आने वाले महीनों में शटडाउन की घोषणा करेंगी.
एक आर्थिक मामलों की जानकर मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजार में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को पैसेंजर व्हीकल की मांग में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. कारों की मांग में कमी पिछले 7 महीनों से आई है, जिससे कंपनी डीलरशिप के इन्वेंटरी में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार उत्पादक कंपनी के डीलरो के यहाँ तकरीबन 35,000 करोड़ रुपये मूल्य की कारों का स्टाक बिक्री के लिए मौजूद है.
मारुति सुजुकी, महिंद्रा और टाटा मोटर्स ने मई के महीने में भी कई दिनों के लिए प्रोडक्शन बंद कर दिया था. कई और बड़ी कंपनियां जैसे होंडास रेनो-निसान और स्कोडा ऑटो भी अपने प्रोडक्शन को 10 दिनों के लिए बंद करने की तैयारी में है.
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