पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में 4355 करोड़ रुपए का घोटाला
15 लाख लोगों के रुपए डुबोने वाला क्करूष्ट बैंक घोटाले की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार!
नई दिल्ली, (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव ( PMC) बैंक में हुए 4355 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट का यह फैसला पीडि़तों के लिए बुरी खबर माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा है।
गौरतलब है की उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को लगभग 15 लाख लोगों के फसे हुए रुपयों पर अंतरिम सुरक्षात्मक उपायों के लिए दिशा-निर्देश मांगने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त की थी। इसके बाद उम्मीद लगाई गई थी कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले पर सुनवाई पर सहमति के बाद पीएमसी बैंक घोटाले के पीडि़तों को न्याय मिल पाएगा। जबकि शुक्रवार को कोर्ट ने अपने फैसले में PMC बैंक घोटाला मामले में सुनवाई से इंकार कर पीडि़तों को निराश किया है। पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर अपनी कुल जमा पूंजी को बीमा के माध्यम से वापस दिलवाने की मांग की थी। शुरुआती जांच में पाया गया था कि पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में 4355 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। पीएमसी बैंक के अधिकारियों ने घाटे में चल रही। HDIL कंपनी में सीधे 2000 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिए थे। उन्होंने इस रकम को लोन के नाम एचडीआईएल को दिया था। जांच के बाद इस मामले में एचडीआइएल के मालिक राकेश और सारंग वधावन गिरफ्तार किए जा चुके हैं। EOW राकेश कुमार वाधवान और सारंग वाधवान की संपत्ति जब्त कर ली है। जिसकी किमत 3,500 करोड़ रुपये है।
पीएमसी बैंक ने आरबीआई को गलत जानकारी दी थी
आरबीआई (RBI)द्वारा बैंक पर कई तरह की पाबंदी लगा दी गई है, इसके पीछे वजह है कि पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी थी। क्रक्चढ्ढ द्वारा जो पाबंदियों लगाई गई, उनमें यह भी था कि लोग बैंक में अपनी जमा राशि सीमित दायरे में ही निकाल सकते हैं। क्करूष्ट बैंक की 137 शाखाएं हैं और यह देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है।