@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
- शर्मिंदा है!! सहारा श्रीं!! जिस तरह का व्यवहार आपके साथ अपने ही देश के सर्वोच्च जस्टिस सिस्टम , राजनैतिक और कार्पोरेट जगत के स्वार्थी नेताओं और उद्योग पतियों ने किया है!?
- ऐसे प्रजातंत्र की न्यायिक व्यवस्था और न्यायिक फैसलों में कोई सहारा पैदा नहीं होगा!
11 लाख लोगों को रोजगार देने वाले! सरकार को अरबों – खरबो रुपए का टैक्स चुकाया! देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर खासकर रियल एस्टेट, एविएशन, खेल, मीडिया और रिटेल सेक्टर को आगे बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान दिया!
ऐसे देश के टॉप 5 सबसे बड़े उद्योगपति सहारा ग्रुप(sahara group) के संस्थापक सुब्रतो राय (subrata roy)सहारा को न सिर्फ बर्बाद किया वरन एक सड़क छाप अपराधी की तरह 2 साल से ज्यादा समय के लिए जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया!?
यह काम न सी बी आई(CBI) ने किया! न ई डी(ED) ने! न क्राइम ब्रांच ने!
यह काम किया देश के संगठित कोर्पोरेट सट्टा बाजार ” शेयर मार्केट” की कठपुतली संस्था “सेबी” और देश के सर्वोच्च वकीलों और न्यायिक जस्टिस सिस्टम ने!?
किसी राजनैतिक सिस्टम के उदय के लिए! कुछ औद्योगिक घरानों के इशारे पर जो नए राजनैतिक सिस्टम को अपने लिए पैदा करना चाह रहे थे!?
देश के टॉप 5 औद्योगिक घरानों में शुमार सुब्रतो राय सहारा की पूरे देश में तकरीबन 2 से 3 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति फैली हुई है! उन पर सिर्फ इतना आरोप था कि उन्होंने तकरीबन 17 हजार करोड़ रुपये देश के संगठित कोर्पोरेट सट्टा बाजार ” शेयर मार्केट” की कठपुतली संस्था “सेबी” के अनुसार लोगों से ज्यादा इकट्ठा कर लिए हैं! उन्हें वापस कर दो!
मामला सर्वोच्च अदालत पहुंच गया! सर्वोच्च अदालत ने किसी आदतन अपराधी की तरह देश के इस खूबसूरत उद्योगपति को ऐसी शर्तों पर जमानत का आदेश दिया कि उसे तत्काल पूरा करना सहारा श्री के बस में नहीं था! उन्हें जेल भेज दिया! और 2 साल से ज्यादा समय तक वो जेल में रहे!!?
*एक साधारण परिवार में जन्म लेना वाला, महत्वाकांक्षी और देश के लिये कुछ बड़ा करने का सपना संजोकर अपनी मेहनत, बुद्धि और कठोर परिश्रम से एक ऐसा व्यवसायिक साम्राज्य खड़ा किया! जिसमें रेल्वे के बाद सबसे ज्यादा तकरीबन 11 लाख लोगों को रोजगार दिया!*
और वह साधारण परिवार में जन्म लेने वाला नव युवक देखते देखते भारत के टॉप 5 औद्योगिक घरानों में शुमार हो गया!
बिना कोई शेयर मार्केट मे घोटाला किए! बिना बैंकों का अरबों रुपये का लोन हड़पे! बिना फ्री में सरकारी जमीनों की हेरा फेरी किए!
इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा किया कि कई नव नवेले औद्योगिक घरानों जिनकी उन्नति मे देश के सत्ताशीन हुक्मरानो और देश के संगठित सट्टे के कानूनी धंधे जिसे अर्थ जगत की भाषा में शेयर मार्केट कहते हैं! और बैंकों के करोड़ों अरबों रुपये के लोन हड़प कर खड़ा किया! उनके बीच में हड़कंप मच गया!?
और फिर चला षड्यंत्र का खेल! जिसमें सारे राजनैतिक, न्यायिक, कॉर्पोरेट और महत्वाकांक्षी सफेद पोश शामिल थे! एक उद्योगपति की हत्या के लिए!?
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर