4 थी क्लास तक पढ़ा पुरुषोत्तम अपने अपरिपक्व पुत्र के जीवन यापन के लिए तीसरी मंजिल पर चला रहा है नर्सरी से लेकर 8 वी तक का चमेली देवी पब्लिक स्कूल (Chameli devi School) !?
स्कूलों को मान्यता देने वाले सरकारी सिस्टम और मान्यता देने वाले मंडलों के अलावा इन्दौर नगर निगम मे व्याप्त भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं इस तरह के स्कूल!?
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर (Rediscoverindianews.com)
इंदौर (Indore) शहर का तथाकथित कोयले और ट्रांसपोर्ट का व्यवसायी 4 थी क्लास पास पुरुषोत्तम अग्रवाल (Purushottam Agarwal) ने अपना कोयला का व्यापार अपने भाई को सौप कर अपने तीन पुत्रों मे से एक पुत्र पीयूष अग्रवाल को जिसे पुरुषोत्तम अग्रवाल (Purushottam Agarwal) आज भी अपरिपक्व मानते हैं ! को शिक्षा के व्यापार में स्थापित करने के लिए इंदौर में 4 और छत्तीसगढ़ के रायपुर में 1 स्कूल चला रहे हैं!
अहंकारी, अशिक्षित, अव्यवहारिक, असभ्य, अनर्गल और आत्ममुग्ध बड़बोलेपन का अभ्यस्त शिक्षा को धंधा समझने वाला ने कोयले की काली कमाई से शहर में कई जमीनें खरीदी और उन पर स्कूल बनाए!
उन्हीं मे से एक स्कूल अपनी माँ चमेली देवी (Chameli devi ) के नाम पर इंदौर (Indore) रेल्वे स्टेशन के सामने शुद्ध रूप से व्यवसायिक काम्प्लेक्स यशवंत प्लाजा की तीसरी मंज़िल पर नर्सरी से कक्षा 8 वी तक के बच्चों के लिए पिछले 10 – 12 सालो से खुले आम स्कूली शिक्षा विभाग के नियमों और मापदंडों की धज्जियाँ उड़ाते हुए चला रहा है!*
नगर निगम (IMC) के बिल्डिंग परमीशन के नियमों और कानूनों को ताक में रखकर तीसरी मंज़िल के 17000 स्क्वेयर फीट के गलियारों में अवैध तरीके से क्लास रूम बना रखे हैं!? पार्किंग एरिया में अवैध तरीके से कब्जा कर रखा है!? बिल्डर ने प्रकोष्ठ की लिफ्ट भी बेच दी!?
और तो और नगर निगम के लिए इससे ज्यादा शर्म की बात क्या होगी कि पिछले कई सालों से करोड़ों रुपये का बकाया संपत्ति कर आज तक नहीं चुकाया!?
न सूर्य के प्रकाश की एक किरण! न प्राकृतिक हवा का एक झोंका! न खुले आसमान के नीचे खेल का मैदान! ऐसे अप्राकृतिक वातावरण में प्राईमरी स्कूल के अबोध बच्चे सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक शिक्षा ग्रहण करते हैं!? तीसरी मंजिल मे जाने के लिए मात्र एक लिफ्ट जिसकी क्षमता 7 से 8 बच्चों को ले जाने के लिए है!?*
और कोढ़ में खाज़ यह है कि इन नर्सरी से 8 वी तक के बच्चों को इस 4 थी क्लास पास पुरुषोत्तम अग्रवाल की लिखी असंगत और अव्यवहारिक पाठ्य पुस्तकों से पढ़ाया जाता है!?*
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर (Rediscoverindianews.com)