2014 में महाराष्ट्र सरकार ने कानून बनाकर डांस बार चलाने पर रोक लगा दी थी
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई से डांस बार पर से रोक हटा दी है. 2014 में महाराष्ट्र सरकार ने कानून बनाकर डांस बार चलाने पर रोक लगा दी थी. अब उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है. ऐसे में मुंबई में जल्द ही बार गल्र्स का जलवा फिर से होगा. इस पर महाराष्ट्र के सीएम ने कहा है कि वे फिर से अपील करेंगे. हालांकि, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि डांस बार पर रोक के बाद ज्यादातर बार बालाएं दूसरे देशों या शहरों में बस गई हैं. ऐसे में रोक हटने के बाद जब बार खुलेंगे तो उन्हें बार बालाओं की कमी से जूझना होगा. डांस बार पर पहली बार महाराष्ट्र में 2005 में रोक लगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले के अपने फैसले में डांस बार पर से रोक हटाने का आदेश दिया था लेकिन पिछले साल कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने महाराष्ट्र पुलिस एक्ट लागू करके डांस बार पर फिर से रोक लगा दी थी. इस रोक को इंडियन होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अप्रैल 2005 में लगाए गए पहले बैन के बाद करीब 1.5 लाख लोग बेरोजगार हो गए थे इनमें से 70 हजार बार गल्र्स भी थीं. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के डबल स्टैंडर्ड की आलोचना करते हुए कहा था कि सिर्फ छोटे होटलों के लिए ही रोक लगाई गई है. जबकि, 5 स्टार और थ्री स्टार होटलों पर कोई रोक नहीं है. इस साल जून में सरकार ने सभी होटलों पर बैन लगा दिया था. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए डांस बार पर लगी रोक को हटाया और कहा कि बार में होने वाले डांस में अश्लीलता नहीं परोसी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने आजीविका के अधिकार को आधार बनाते हुए इस पाबंदी को हटाया है. इसके बावजूद राज्य सरकार के पास अब भी डांस बार बंद करवाने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि डांस बार में अश्लीलता नहीं होनी चाहिए. डांस बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सेठी कहा कि जिन लोगों ने सरकार के इस फैसले के बाद आत्महत्या की है उसकी भरपाई नहीं हो पाएगी लेकिन कोर्ट का यह फैसला स्वागतयोग्य है.