सुब्रत रॉय भारत के मशहूर उद्योग समूह सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष हैं। खुद को कंपनी का मुख्य संरक्षक कहने वाले सुब्रत को ‘सहाराश्रीÓ के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 2012 में इंडिया टुडे पत्रिका ने उन्हें भारत के 10 सर्वाधिक शक्ति सम्पन्न लोगों में शामिल किया था। उन्होंने वर्ष 1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की थी। आज सहारा समूह हाउसिंग, मनोरंजन, मीडिया, रिटेल और वित्त सेवाओं जैसे तमाम क्षेत्रों में पैर पसार चुका है। एक आंकड़े के मुताबिक सहारा समूह के पास जून-2010 तक लगभग 1,09,224 करोड़ रूपए की परिसंपत्ति थी।
प्रारंभिक जीवन
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अरारिया जिले में हुआ था। उन्होंने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय प्रारंभ किया।
कैरियर/व्यावसायिक जीवन
रॉय ने सहारा इंडिया परिवार की स्थापना वर्ष 1978 में गोरखपुर में की। वर्तमान में वे समूह के प्रबंध कार्यकर्ता (प्रबंध निदेशक) और अध्यक्ष हैं। सहारा भारत का एक बहु-व्यापारिक समूह है, जिसका काम-काज वित्तीय सेवाओं, गृहनिर्माण वित्त (हाउसिंग फाइनेंस), म्युचुअल फंड, जीवन बीमा, नगर-विकास, रीयल-इस्टेट, अखबार एवं टेलीविजन, फिल्म-निर्माण, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, उपभोक्ता सामग्री जैसे अनेकों क्षेत्रों में फैला हुआ है। 1990 के दशक में सुब्रत लखनऊ चले गए और ये शहर सहारा इंडिया परिवार का मुख्यालय बन गया। यहां सहारा ने लगभग 170 एकड़ में “सहारा सिटी” का निर्माण किया। धीरे-धीरे समूह का व्यापार बढऩे लगा और छोटे समय में ही सहारा ने कई क्षेत्रों में अपनी पहचान बना ली। वर्ष 1992 में हिंदी दैनिक ‘राष्ट्रीय सहाराÓ का प्रकाशन प्रारम्भ हुआ। 1990 के दशक के अंत में समूह ने पुणे के पास अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘एम्बी वैलीÓ की शुरुआत की। वर्ष 2000 में सहारा टीवी (जो बाद में ‘सहारा वनÓ हो गया ) की शुरुआत हुई। वर्ष 2003 में सहारा ने 3 साप्ताहिक पत्र सहारा टाइम, सहारा समय और सहारा आलमी का प्रकाशन आरम्भ किया। सहारा समूह भारतीय क्रिकेट और हॉकी टीमों के भी प्रायोजक रहे। एक समय पर उनके पास इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाईजी ‘पुणे वॉरियर्स इंडियाÓ की टीम भी थी परन्तु बीसीसीआई से किसी मसले पर विवाद के चलते सहारा समूह ने इसे छोड़ दिया। सुब्रत ‘द सहारा फोर्स इंडिया फार्मूला वन टीमÓ के मालिक भी हैं। 2010 में सहारा ने लंदन के ग्रॉसवेनर हाउस तथा 2012 में न्यूयार्क के प्लाजा होटल को खरीद लिया। सुब्रत रॉय के सहारा एयरलाइन्स को जेट एयरवेज ने वर्ष 2007 में खरीद लिया। सहारा-जेट डील विवादों में रही क्योंकि पूर्व घोषणा के बावजूद एक समय पर जेट ने सौदे को रद्द कर दिया था। समूह के पास 30 जून-10 तक 1,09,224 करोड़ रूपए की परिसंपत्तियां हैं।
गिरफ़्तारी और कारावास
26 फरवरी 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कंपनी द्वारा निवेशकों के पैसे वापस नहीं दिए जाने वाले मामले में अदालत में पेश होने में नाकाम रहने के लिए सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी का आदेश दिया। अंतत: उन्हें 28 फऱवरी 2014 को बाजार नियामक (सेबी) के साथ एक विवाद में सुप्रीम कोर्ट के वारंट पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार लिया गया। इसी मामले में सुब्रत 4 मार्च 2014 दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कर दिए गए। उनके जमानत की याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि उन्हें रिहा तभी किया जाएगा जब वे निवेशकों की कुल बाकी रकम का एक हिस्सा जमा करेंगे। 10,000 करोड़ रुपए जमा करने की शर्त पर 26 मार्च 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी, पर सुब्रत तमाम कोशिशों के बावजूद तय राशि जमा नहीं कर पाए और अब भी जेल में हैं।
सम्मान और पुरस्कार
- डॉक्टरेट की मानद उपाधि (2013, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट लंदन)
- द बिजनेस आइकॉन ऑफ द ईयर (2011, लंदन)
- डी लिट की मानद उपाधि (2011, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा)
- 2012 में इंडिया टुडे द्वारा भारत के दस सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में शामिल।
- 2004 में टाइम पत्रिका (अंग्रेजी) द्वारा “भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता” के रूप में नामांकित।
- आईटीए-टीवी आइकॉन ऑफ द ईयर (2007)
- “ग्लोबल लीडरशिप अवॉर्ड” (2004)
- “बिजनेस ऑफ द ईयर अवॅार्ड” (2002)
- “विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान” (2010)
- “वोकेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस” (रोटरी इन्टरनेशनल, 2010)
- “कर्मवीर सम्मान” (1994)
- “बाबा-ए-रोजगार अवॉर्ड” (1992)
- “उद्यम श्री” (1994)
- “द नेशनल सिटीजन अवॅार्ड” (2001)
- “इंडियन टेलीविजऩ अकादमी अवॉर्ड” (2013)