वैष्णव ग्रुप ऑफ ट्रस्ट के स्वयंभू चेयरमैन पुरुषोत्तम दास पसारी और वैष्णव प्राइवेट यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ उपिन्दर धर छात्रो के भविष्य के साथ कर रहे है खिलवाड़ !?
वैष्णव प्राइवेट यूनिवर्सिटी में चलाये जा रहे इंजीनियरिंग डिग्री कोर्सेज़ को इंजीनियरिंग शिक्षा की सुप्रीम निकाय AICTE (आल इंडिया कौंसिल ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन )से मान्यता नहीं है !इस तरह के प्राइवेट संस्थानों से प्राप्त की गयी डिग्री की सरकारी और प्राइवेट नौकरी में वैधानिक मान्यता नहीं है !सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने सन 2017 में सभी प्राइवेट इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए इसे आज्ञापक किया है !
वैष्णव प्राइवेट युनिवेर्सिटी में चलाये जा रहे एग्रीकल्चर कोर्स के लिए आज्ञापक 25 एकड़ खेती की जमीन नहीं होने के बावजूद भी इंस्टीट्यूट ऑफ़ एग्रीकल्चर कालेज कैसे चलाया जा रहा है !?यह पूर्ण रूप से अवैधानिक है !बिना खेती की जमीन के आप एग्रीकल्चर कोर्स कैसे पढाओगे!?
वैष्णव प्राइवेट युनिवेर्सिटी में चलाये जा रहे इंस्टिट्यूट ऑफ़ लॉ की मान्यता बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया से नहीं ली गयी है !बिना बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया (B C I) से मान्यता लिए कोई भी लॉ कोर्स और डिग्री को मान्यता नहीं है !
वैष्णव प्राइवेट युनिवेर्सिटी में चलाये जा रहे इंस्टिट्यूट ऑफ़ फोरेंसिक साइंस के लिए आवश्यक लेब उपकरण ,डेड बॉडी ,कंकाल आदि की कोई उपलब्धता सुनिश्चित नहीं है !तो फिर छात्रो को प्रेक्टिकल ज्ञान कैसे मिलेगा !
वैष्णव प्राइवेट युनिवेर्सिटी द्वारा विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ हुए शेक्षणिक करार पूर्णतया फर्जी है !बिना UGC से परमिशन लिए कोई भी प्राइवेट यूनिवर्सिटी किसी विदेशी यूनिवर्सिटी के साथ किसी भी तरह का शेक्षणिक करार नहीं कर सकती है !फिर वैष्णव प्राइवेट युनिवेर्सिटी छात्रो को विदेशी यूनिवर्सिटी से करार के नाम पर क्यों बरगला रही है !
वैष्णव प्राइवेट युनिवेर्सिटी के पास अनुभवी और योग्य प्रोफेसर ,लेक्चरर की भारी कमी है !दुसरे ट्रस्ट में चलाये जा रहे कालेजो जो की अन्य युनिवेर्सिटी से मान्यता प्राप्त है के प्रोफेसर ,लेक्चरर की मदद ली जा रही जो की पूर्णतया छात्रो के साथ धोखा है !
वैष्णव ग्रुप ऑफ़ ट्रस्ट के स्वयंभू चेयरमैन पुरुषोत्तम दास पसारी और वाईस चांसलर डॉ उपिन्दर धर दोनों ने मिलकर अपनी व्यक्तिकत महत्वाकांक्षा ,लालच और एकाधिकार को पाने के लिए 100 साल पुरानी इस गरिमामयी पारमार्थिक ग्रुप ऑफ़ ट्रस्ट में अनेक अनियमितताए करते हुए इसकी मूल भावना चेरिटी के साथ खिलवाड़ कर पूर्ण रूप से एक कमर्शियल संस्थान बनाने में लगे हुए है !दुसरे चैरिटेबल ट्रस्टो का करोडो रुपया वैष्णव प्राइवेट युनिवेर्सिटी के विज्ञापनों के लिए पानी की तरह बहाया जा रहा है !? यहाँ चेरिटी नहीं धन्धा हो रहा है !?