@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर
सुप्रीम कोर्ट ने 11 सितंबर तक COVID-19 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने पर गाइडलाइन जारी करने के निर्देश दिए|
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह 11 सितंबर तक COVID-19 के कारण मरने वालों के संबंध में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए 30 जून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन करे।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने केंद्र सरकार से 11 सितंबर को या उससे पहले उक्त निर्देशों के संबंध में अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा।
16 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर तक COVID मृत्यु प्रमाण पत्र पर दिशा-निर्देशों के संबंध में एक अनुपालन हलफनामा मांगा था। लेकिन आज भी भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा। पीठ ने देरी पर नाराजी जाहिर की।सुप्रीम कोर्ट ने कहा की , “हमने बहुत समय पहले आदेश पारित किया था। हम पहले ही एक बार समय बढ़ा चुके हैं। जब तक आप दिशानिर्देश तैयार करेंगे, तब तक तीसरी लहर भी समाप्त हो जाएगी ।”
30 जून को दिए गए उसी फैसले में, कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को निर्देश दिया था कि वह 6 सप्ताह के भीतर उन लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करे, जिनकी COVID के कारण मृत्यु हो गई थी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए।
30 जून को दिए गए उसी फैसले में, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया था कि COVID से मृत्यु के संबंध में जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्र में COVID के रूप में मृत्यु का कारण स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट होना चाहिए। साथ ही, यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु COVID के कारण किसी अन्य जटिलता या बीमारी के कारण हुई है, तो भी मृत्यु प्रमाण पत्र में विशेष रूप से मृत्यु का कारण COVID होना चाहिए। “मृत्यु प्रमाण पत्र में भी, यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु COVID -19 और या COVID -19 के कारण किसी अन्य वजह या बीमारी के कारण हुई है, तो इसका विशेष रूप से मृत्यु प्रमाण पत्र में उल्लेख किया जाना चाहिए। जिसमें मृतक के परिवार के सदस्यों को मृत्यु का सही कारण बताया गया हो ।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इण्डिया न्यूज़ इंदौर