@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
सरकार की पेट्रोल और डीजल मे इथेनॉल मिक्स करने की योजना का फायदा उठा रही है शराब कंपनियां, स्पिरिट और शराब माफिया गिरोह!?
- 90 फीसदी कंपनियां शराब और स्पिरिट माफियाओं की लगा रही है इथेनॉल प्लांट!?
- सबसे पहले आप यह जान ले इथेनॉल किसे कहते हैं, और इसका क्या उपयोग है! इथेनॉल वस्तुतः अल्कोहल को कहते हैं, बियर, विदेशी शराब, वाइन या देशी शराब इन सभी में एक प्रकार का अल्कोहल होता है जिसे इथेनॉल कहते हैं! इसे फलो, गन्ना, चावल और मक्के को सड़ाकर बनाया जाता है!
- अलग अलग शराब मे इसकी मात्रा अलग होती है!
- अमूमन किसी भी शराब मे इसकी मात्रा 30 से लेकर 50 फीसदी तक होती है!
- मध्यप्रदेश के कुछ जिलों को छोड़ दें तो न तो यहाँ बहुतायत में गन्ना होता है और न ही चावल और न ही मक्का! यदि होता भी हैं तो वह सिर्फ खाने के लिए तक ही सीमित है!
- दूसरी सबसे बड़ी बात इथेनॉल बनाने के लिए बहुत अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है! 2 लाख लीटर इथेनॉल बनाने के लिए 40 लाख लीटर पानी प्रतिदिन चाहिये! यह कहा से और कैसे आएगा यह बड़ा सवाल है!*
- मध्यप्रदेश की सीमाओं के पास के जिलों में 80 से ज्यादा इथेनॉल के प्लांट लगाने वाली कंपनीयो को मिली मंजूरी!
- धार, मंदसौर, नीमच, बड़वानी, आगर मालवा, , बालाघाट, बैतूल, छिंदवाड़ा, शहडोल, रीवा, दतिया, ग्वालियर जैसे सीमावर्ती जिलों में लगे हैं अधिकांश इथेनॉल प्लांट!
- 3000 लीटर प्रतिदिन से 5 लाख लीटर प्रतिदिन इथेनॉल बनाने के लग रहे हैं प्लांट!
- तकरीबन 1 करोड़ लीटर प्रतिदिन इथेनॉल उत्पादन होगा इन 80 प्लांट से!
- प्लांट लगाने के लिए प्लांट की संपूर्ण लागत का लोन बैंकों द्वारा मंजूर किया जा रहा है! 30 करोड़ से 200 करोड़ रुपये का लोन आसानी से मंजूर हो रहा है! सभी कंपनीयो ने लोन लिया है! किसी ने भी अपना पैसा नहीं लगाया है!?
- 100 करोड़ रुपये की लागत वाले प्लांट के लिए 60 करोड़ की सब्सिडी मध्यप्रदेश सरकार दे रही है!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर