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@री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर (Rediscover India News Indore)
क्या कर रहे है! सिक्ख समाज के ठेकेदार? और क्यों चुप हैं समाज?
इंदौर के सिक्ख समाज ने वैध और अवैध रूप से शराब के ठेके चलाने वालों, डेली कलेक्शन पर ब्याज पर पैसे चलाने, अंडे एवं चिकन का व्यवसाय करने वाले और जमीनों की अफरा – तफरी, धोखाधड़ी, कर अवैधानिक तरीके से पैसा कमाने वालों के हाथ मे कैसे समाज की बागडोर सौप दी गई यह सिक्ख समाज को स्वयं चिंतन करना पड़ेगा?
जिस सिक्ख समुदाय का कभी राजनैतिक क्षेत्र में दबदबा रहता था! आज कुछ तथाकथित समाज के नेता दूसरी बिरादरी के नेताओ के पावों के नीचे बैठकर खुद्दार सिक्ख समाज की अगुवाई कर रहे हैं? सिर्फ अपने व्यवसायिक स्वार्थो की पूर्ति और दलाली के लिए!?
ये तथाकथित अपराधिक किस्म के समाज के ठेकेदार गुरुसिंह सभा और खालसा पंथ की सोसाइटीयों में बैठकर समाज को क्या विजन देंगे?
युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को क्या मार्गदर्शन, रोजगार और व्यवसाय के लिए प्रेरित करेंगे? क्या सुविधाएं और संसाधन मुहैया कराएंगे?
सिक्ख समाज के ठेकेदारों, धार्मिक नेताओ और आर्थिक रूप से समृद्ध और संपन्न सिक्खों ने अपने अहंकार की वजह से न तो समाज को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया? और न ही व्यवसायिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए कोई पहल की?
आज हालत यह है कि युवा सिक्खों को यह समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या व्यवसाय करे? इन्टरनेट और डिजिटल युग में उनके परंपरागत धंधे या तो आउट डेटड हो चुके हैं! या तेजी से हो रहे हैं! या फिर उन सभी धंधों पर अग्रवाल, सिंधी व अन्य वैश्य वर्ग के लोगों का एकाधिकार हो चुका है?
क्योंकि समाज और परिवार वालों ने न तो उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया और न ही नई तकनीक को सीखने और सिखाने के लिए न तो उत्साहित किया और न ही वैसा माहौल समाज ने दिया?* *बहुत पीछे हो गए तकनीकी और शैक्षणिक रूप से अन्य व्यवसायिक समाजों से?
सिक्ख समाज, अग्रवाल समाज और सिंधी समाज ये तीनों कौम उत्तर भारत के राज्यों मुख्यतः पंजाब, हरियाणा, जम्मू, कुछ हिस्सा राजस्थान से और अविभाजित भारत के पाकिस्तान से पूरे भारत में फैली है! सिक्खों और अग्रवाल समाज की देश में जनसंख्या तकरीबन बराबर है! और सिंधियों की जनसंख्या इन दोनों कौमों से काफी कम है!
लेकिन आज अग्रवाल समाज और सिंधियों ने सिक्खों को हर क्षेत्र में काफी पीछे छोड़ दिया है?
एक समय था जब उद्योग धंधे हो, फैक्ट्री लगाने की बात हो, ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय हो, ऑटोमोबाइल, लकड़ी का काम, इंजीनियरिंग का काम हो, कोयला या खनन का काम हो,यहां तक कि होटल और ढाबों जैसे सभी धंधों में सिक्ख कौम की तूती बोलती थी! राजनैतिक और सामाजिक क्षेत्रों में सिक्खों का दबदबा था!
सेना, पुलिस, बैंक के अलावा और भी कई शक्तिशाली सरकारी विभागों के महकमों में उच्च पदो पर आसीन थे! रुतबा था सिक्ख कौम का भारत के आर्थिक विकास में!
लेकिन धीरे-धीरे व्यवसाय के हर क्षेत्र में अग्रवाल समाज और सिंधी समाज ने अपनी पकड़ मजबूत कर सिक्ख कौम को तकरीबन बाहर का रास्ता दिखा दिया!?
भारत की सबसे ज्यादा मेहनती, प्रतिभाशाली, जुझारू सिक्ख कौम आज बदलते भारत के इस दौर में किस मुकाम पर है? और इस कौम की आने वाली पीढ़ी का क्या भविष्य होगा? इस पर सिक्ख समाज के धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक ठेकेदारों को गंभीर चिंतन करने की आवश्यकता है?
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर (Pradeep Mishra Rediscover India News Indore)