@ प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
अक्षय बम!! इंदौर कांग्रेस किस कानूनी प्रावधान के तहत अक्षय बम को फरार घोषित कर और धारा 307 का सीधे अपराधी बताकर 5100 का ईनाम घोषित करने वाले पोस्टर शहर में लगा रही है!?
- यदि कोई व्यक्ति, संगठन या राजनैतिक पार्टी किसी व्यक्ति या प्रबुद्ध ज़न के न्यायालीन प्रकरण या न्यायिक प्रक्रिया में बिना किसी न्यायिक आदेश और फैसले मे हस्तक्षेप करते हुए पूरे शहर में उसकी मानहानि और गलत तथ्यों का उल्लेख करते हुए पूरे शहर को पोस्टर, बेनर से पाट दे! उसके खिलाफ पूरे शहर में भीड़ को उकसा कर शहर भर में दस्ते तैनात कर उसे पकड़ने के लिए ईनाम घोषित कर दे! जिससे उसकी जान माल और संपत्ति को खतरा उत्पन्न हो जाए! और पूरा पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन मूक रूप से इस तमाशे को देखता रहे!? तो आप इसे क्या कहेंगे!? सिर्फ और सिर्फ “अराजकता या जंगल राज”!?
- क्या इंदौर शहर मे कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष का राज, कानून और सरकार चलती है!?
- अक्षय बम के पूरे प्रकरण और न्यायिक प्रक्रिया से न तो कांग्रेस की विचारधारा से कोई वास्ता है! और न ही शहर कांग्रेस कमेटी और उनके किसी भी पदाधिकारी का! न तो अक्षय बम के प्रकरण से शहर की शांति वयवस्था को कोई खतरा है और न ही दो समुदायों के बीच सौहार्द और भाई चारे को!
- यह एक नितांत निजी और दो व्यक्तियों के जमीन के विवाद का न्यायिक मामला है! जो न्यायालय के अधीन है! इस प्रकरण में जो भी आदेश करेगा वह न्यायलय करेगा!!
- तो फिर किसके आदेश और फंडिंग से मुट्ठीभर तथाकथित कांग्रेसी जिसमें कई मुस्लिम धर्म से संबंधित है! एक मात्र हल्ला बोल पदाधिकारी की अगुवाई में अक्षय बम जो मात्र आरोपी है और हाई कोर्ट मे अपने विद्वान वकीलों के माध्यम से उपस्थित है, जहाँ उनकी जमानत पर सुनवाई का प्रकरण चल रहा है! को फरार घोषित कर अपराधी बताकर 5100 रुपए के ईनाम के पोस्टर शहर भर में लगाकर न सिर्फ उसकी मानहानि वरन उसके और उसके परिवार के जान माल और संपत्ति को खतरे में डाल रहे हैं!?
- अक्षय बम को न तो न्यायलय ने फरार घोषित किया है! और न ही आज तक किसी न्यायालय ने अपराधी सिद्ध किया है! वो अपने विद्वान वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में उपस्थित है! और जिला न्यायालय में भी अपने वकीलों के माध्यम से उपस्थित थे ! उनकी ज़मानत याचिका पर हाईकोर्ट में प्रकरण सुनवाई के इंतजार में है!
- पूरे न्यायिक घटनाक्रम को अभी मात्र 1 महिना भी नहीं हुआ है!
- तो किस कानूनी फैसले, आदेश या प्रावधान के तहत शहर कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष की अगुआई में शहर कांग्रेस के माध्यम से अक्षम बम को धारा 307 का सीधे फरार अपराधी बताते हुए 5100 रुपए का ईनाम घोषित करने की मुनादी वाले पोस्टर और बेनर पूरे शहर में लगाए जा रहे हैं!
- शहर कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष श्रीं सुरजीत सिंह चड्डा से जब बात की गई तो उनका कहना था कि वो पिछले तीन – चार दिनों से शहर से बाहर है! और उन्हें इस तरह के किसी भी अभियान के बारे में कोई जानकारी नहीं है!?
- इस पोस्टर और बेनर अभियान को फंडिंग कौन कर रहा है!?
- ये पोस्टर और बेनर कहा और किस प्रिंटिंग प्रेस पर किसके लिखित आदेश से छपवाय जा रहे हैं!?*
- क्या इस पोस्टर, बेनर, ज्ञापन, और दस्ते तैनात करने के अभियान को शहर कांग्रेस कमेटी की मीटिंग या अनुशंसा या प्रस्ताव पारित कर किया जा रहा है!?
- क्या इस तरह के अभियान को प्रदेश कांग्रेस कमेटी और उसके अध्यक्ष जीतू पटवारी की भी सहमति है!?
- इन सब सवालों के जवाब या तो प्रदेस कांग्रेस कमेटी, या शहर कांग्रेस कमेटी या फिर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ही दे सकते हैं!!*
- 17 साल पुराने एक जमीन के मामले में
- जिसमें अक्षय बम परिवार के द्वारा आधे से अधिक राशि का भुगतान बैंक चेक से करने के बाद दोनों पक्षों की सहमति से रजिस्ट्री करवाई गई! और बची हुई राशि के संबंध में कब्जा न देने की वजह से विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई! और मामला थाने तक पहुँचा! जहाँ दोनों पक्ष के ख़िलाफ़ लड़ाई झगड़े कीं सामान्य जमानती धाराओं में मुकदमा कायम हुआ! अक्षय और उनके पिता पिछले 17 सालो से जमानत पर थे और न्यायालय की प्रत्येक तारीख को हाजिर हो रहे थे!
- कांग्रेस की तरफ से अक्षम बम द्वारा लोकसभा प्रत्याशी बनने और नामांकन भरने के बाद एक आवेदन फरियादी यूनुस पटेल के द्वारा न्यायालय में इस बाबत पेश किया जाता है कि प्रकरण में धारा 307 के तहत संज्ञान लिया जाए! जबकि न तो किसी को कोई प्राणघातक चोट किसी चाकू और न ही किसी बंदूक की गोली से लगी! इसके बावजूद माननीय जिला न्यायालय ने धारा 307 के तहत अक्षय और उनके पिता के ख़िलाफ़ तय तारीख पर न्यायालय में हाजिर न होने की वजह से एक सामन्य कानूनी प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार वारंट जारी कर दिया! अब प्रकरण इंदौर हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यूज़ इंदौर