@री डिस्कवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर

इसे कैसे और क्यों बर्दाश्त करते हैं प्रेस क्लब, पत्रकार और मीडियाकर्मी!?

पत्रकारों, संपादकों और मीडिया कर्मियों से ही जिन्दा है देश का लोकतन्त्र और बड़े मीडिया हाउस. इनकी अनदेखी और अवहेलना घातक हो सकती है देश के लोकतंत्र और बड़े मीडिया हाउस के लिए. इन्हें हल्के में लेने की हिम्मत न करे देश, समाज, सरकार और बड़े मीडिया हाउस। 

बड़े अखबारों और राष्ट्रीय चेनल पत्रकारों के सरोकार और प्रेस क्लबो के कार्यक्रमों को प्रमुखता से प्रकाशित न करने का निहायत निंदनीय कृत्य करते हैं!

इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्रतिष्ठित पत्रकारिता महोत्सव “इंदौर मीडिया कॉन्क्लेव-2025” दिनांक 7-8-9 अप्रैल को इंदौर शहर के सुबह के प्रतिष्ठित तीनों राष्ट्रीय स्तर के अखबार दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया के अलावा प्रादेशिक और राष्ट्रीय चैनलो द्वारा जिस तरह की कवरेज और आयोजन के प्रचार और प्रसार में भूमिका निभानी चाहिए! उस तरह की भूमिका इन तीनों अखबारों द्वारा न निभाना न सिर्फ इंदौर प्रेस क्लब के लिए गंभीर चिंतन का विषय है, वरन इंदौर शहर से प्रकाशित होने वाले बड़े अखबारों के द्वारा शहर के पत्रकारों, पत्रकारिता के छात्रों और जागरूक पाठकों के साथ बहुत ही निंदनीय पत्रकारिता का कृत्य है!

इंदौर प्रेस क्लब द्वारा मीडिया और पत्रकारिता के हित में आयोजित किए जाने वाले ऐसे वार्षिक शैक्षणिक मीडिया कॉन्क्लेव के अलावा पत्रकारों और मीडिया की भलाई के लिए किए जाने वाले आयोजनों के प्रचार, प्रसार और विज्ञापनों को प्रमुखता से अपने प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों में, निजी स्वार्थ और व्यवसायिकता से ऊपर उठकर जोर शोर से प्रकाशित करने की नैतिक और अनिवार्य जिम्मेदारी तो बड़े और अत्याधिक प्रसार संख्या वाले शहर और प्रदेश के प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर के अखबारों को निभानी ही होगी।

और इसे सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी इंदौर प्रेस क्लब से जुड़े सैकड़ों पत्रकारों, मीडिया कर्मियों और अध्यक्ष समेत पूरी कार्यकारिणी को अनिवार्य रूप से लेना चाहिए। तभी सही मायनों में पत्रकारों की ताकत, पत्रकार एकता और प्रेस क्लब के सम्मान और औचित्य की साख को सरकार और समाज मे स्थान मिलेगा।

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर

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