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- फ़ेस्टिवल और शादी व्याह के सीजन में, सोना(gold) और चांदी (silver)पर इम्पोर्ट ड्यूटी (import duty)कम होने का फायदा आम उपभोक्ता को नहीं! टाटा(tata), बिड़ला(birla), अंबानी(reliance) और बड़े कार्पोरेट ज्वेलर्स को 50 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने राजस्व के खजाने में चपत लगाई!?
क्या भारत सरकार और वित्त मंत्री इतनी अबूझ है कि उन्हें यह पता नहीं है कि सोने, चांदी और अन्य कीमती धातुओं की कीमतें अन्तर्राष्ट्रीय मानकों और अर्थव्यवस्था के आधार पर तय होती है! डॉलर के सामने गिरता भारतीय रुपया ही काफी है भारत में सोने और अन्य कीमती धातुओं के मूल्य बढ़ाने के लिए! जब सोने और चांदी की कीमतों पर सरकार का वश नहीं तो फिर इम्पोर्ट ड्यूटी कम कर भारत सरकार के खजाने में 50 हजार करोड़ रुपये की चपत लगाकर कार्पोरेट को क्यों लाभ पहुंचाया गया!?
- जबकि उस समय भारत में न त्योहारों का समय था और न ही शादी व्याह का!
- 15 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी में 5 फीसदी भारत के किसानो के क्रषी इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए खर्च किया जाता था, जो अब नामुमकिन है!?
- जुलाई 2024 मे, जिस समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन(finance minister nirmala seetaraman) ने सोने और चांदी को विदेशों से भारत मंगाने के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी में 9 फीसदी की कमी की थी उस समय भारत के सराफा बाज़ारों में सोने की कीमत 74 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम थी! जो आज 2000 रुपए बढ़कर 76 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम से ज्यादा है!? मोदी सरकार की वित्त मंत्री द्वारा 9 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने का फायदा क्या आम भारतीय उपभोक्ता को हुआ? इसका उत्तर हैं नहीं! तो फिर फायदा किसे हुआ? इसका सीधा उत्तर हैं कि इम्पोर्ट ड्यूटी कम होने का फायदा टाटा(तनिष्क ब्रांड ,tanishq) बिड़ला(इंद्रिया indriya) , अंबानी(रिलायंस ज्वेलरी reliance jwell) और कार्पोरेट और बड़े ज्वेलर्स जिनके पूरे भारत में सेकड़ो की संख्या में ज्वेलरी शो रूम है उन्हें फायदा पहुंचाया गया!?
- 2024 जुलाई में मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों और इंडियन ज्वेलरी इंडस्ट्री(indian jwellaery industry की मांग को देखते हुए सोने और चांदी पर इम्पोर्ट ड्यूटी ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी! मतलब विदेशों से सोना, चांदी और प्लेटिनम जैसी बहुमूल्य धातुओं को आयात करने वाले बड़े कार्पोरेट ज्वेलर्स को सीधे-सीधे 9 फीसदी का फायदा पहुंचाया गया!
- भारत हर साल 3 से 4 लाख करोड़ रुपये का सोना विदेशों से आयात करता है, जिसकी 80 फीसदी ख़फ़त देश के ज्वेलरी मार्केट में होती है! इसी प्रकार तकरीबन 8 हजार टन चांदी का आयात करता है! बाजार के अनुसार इस साल तकरीबन 5 लाख करोड़ रुपये का सोना और चांदी विदेशों से मंगाया जाएगा! जिस पर तकरीबन 50 बिलियन डॉलर बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च की जाएगी! और भारत सरकार के ख़ज़ाने को 9 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी कम होने की वजह से तकरीबन 50 हजार करोड़ रुपये के राजस्व से हाथ धोना पडेगा! आम भारतीय उपभोक्ता को कोई लाभ नहीं मिलेगा!?
- @प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर pradeep mishra rediscover india news