@री डिसकवर इंडिया न्यूज़ इंदौर REDISCOVERINDIANEWS INDORE
250 करोड़ रुपये के जमीन घोटाले में इन्दौर हाईकोर्ट के फैसले से उठते गंभीर सवाल?
  • धार (DHAR)शहर में महिलाओ का अस्पताल और महिला डॉक्टरो को रहने के लिए महाराजा धार द्वारा दान मे दी गई 12 बीघा से ज्यादा जमीन जिसका बाजार मूल्य 250 करोड़ रुपये से ज्यादा है, को फर्जी पॉवर ऑफ अटार्नी (POWER OF ATTORNEY)के माध्यम से बेचने और खरीदने का अपराधिक षड्यंत् करने के आरोप में, कलेक्टर के आदेश पर, पुलिस के द्वारा की गई जांच में पाए गए सबूतों के आधार पर की गई एफ आई आर और पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश किए गए 16500 पन्ने के चालान के बाद भी, एफ आई आर को इंदौर हाईकोर्ट(INDORE HIGHCOURT) की बेंच के माननीय जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी ने दिनांक 11/09/2024 को दिए अपने आदेश से शून्य घोषित किया!
  • 126 साल पहले धार के राजा के द्वारा कनाडा (CANADA)के एक ईसाई चर्च(CHURCH) को दान में दी गई जमीन को सरकारी जमीन मानने से हाईकोर्ट ने किया इंकार!
  • 250 करोड़ रुपये की सेंट टेरेसा जमीन को फर्जी व कूटरचित पॉवर ऑफ अटार्नी के माध्यम से अपराधिक षड्यंत्र कर बेचने और खरीदने के मुख्य आरोपीयों के फरार होने के बावजूद पुलिस की एफ आई आर शून्य घोषित की गई!
  • कलेक्टर और पुलिस अधिकारी पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और एफ आई आर दर्ज करने को कानून का दुरुपयोग बताते हुए 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया!
  • मात्र 2 आरोपियों की तरफ से कुल 12 बीघा से ज्यादा जमीन में से मात्र 2 बीघा जमीन पर से कलेक्टर और नगरपालिका धार के नोटिस और कानूनी कारवाई के आदेश को रद्द करने के लिए दायर रिट पिटिशन के आदेश मे पुलिस द्वारा 19 लोगों के ख़िलाफ़ भादवि की धारा 193,420,409,406,468,और 120 बी दर्ज की गई एफ आई आर क्रमांक 717/2021 जिसमें पुलिस ने 16500 पेज की चार्जशीट न्यायालय में पेश कर दी थी, और सेशन न्यायालय में मुकदमा चल रहा था को शून्य घोषित कर दिया.
  • 11.09.2024 को इंदौर हाईकोर्ट के द्वारा दिये गये इस महत्वपूर्ण फैसले ने कई गंभीर सवालों को जन्म दे हैं!

  1. सबसे पहले क्या पूर्व कलेक्टर या किसी पूर्व सरकारी विभाग या पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा, राज्य और सरकार की संपत्ति को अनदेखा कर निजी हाथो मे अवैध तरीके से जाने देने की गंभीर गलतियों एवं अपराधिक कृत्यों को वर्तमान कलेक्टर और सरकारों को जांच कर कारवाई करने का अधिकार नहीं है?
  1. क्या किसी सरकारी संपति को नुकसान या गंभीर अपराधों की सूचना कोई आम व्यक्ती या कोई अपराधिक व्यक्ती पुलिस, कलेक्टर या सरकार को नहीं दे सकता है?
  1. क्या किसी गंभीर अपराध या राज्य की संपत्ति को अवैध रूप से बेचने की शिकायत मिलने पर शहर का कलेक्टर जो कि शहर का डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट भी होता है, पुलिस को एफ आई आर दर्ज कर जांच करने और न्यायालय में चार्जशीट पेश करने का आदेश नहीं दे सकता है?
  • आज से 126 साल पहले तत्कालीन महाराजा धार ने दिनांक 19/08/1895 को कनाडा देश के ईसाइयों के एक चर्च की संस्था केनेडियन प्रेसबिटेरियन मिशन कमेटी की उस समय भारत में कार्यरत सेंट्रल इंडिया ईकाई को, धार में महिलाओं का अस्पताल बनाने और वहाँ पर ईलाज करने वाली 2 महिला डॉक्टर एव ईसाई मिशनरी के धर्म प्रचारको को रहने के लिए दान मे दी थी
  • सन 1984-85 तक धार जिले के कलेक्टर कार्यालय में जमीन के उक्त खसरो मे केनेडियन प्रेसबिटेरियन मिशन कमेटी की तरफ से मिस ओ होरा का नाम राजस्व रिकॉर्ड मे दर्ज था! उसके बाद रत्नाकर दास नाम के व्यक्ती का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया गया! सन 1972 मे मालवा चर्च के संगठन की मेडिकल कमिशन ने रत्नाकर दास को प्रशासक और केयर टेकर के पद पर नियुक्ति किया था
  • 2013 मे रत्नाकर दास की म्रत्यु के बाद उनकी पत्नी श्रीमती इला पीटर दास और उनके दो बेटे और दो बेटियों के नाम राजस्व खसरो में शामिल किए गए
  • यह ज्ञात रहे कि रत्नाकर दास और उसका परिवार कभी भी जमीन का मालिक नहीं था! वो सिर्फ केनेडियन प्रेसबिटेरियन मिशन कमेटी की भारतीय इकाई की तरफ से केयर टेकर भर थे!
  • @प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर

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