@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
बीते 40 सालो में देश ने खाने – कमाने लायक व्यवसायिक शहर तो बना लिए! लेकिन रहने और जीने लायक शहर नहीं बना पाए!?
*कई दशकों की तरह इस साल भी कलेक्टर, विधायक, महापौर और पार्षदो की बाढ़ ग्रस्त इलाक़ों मे रेन वॉक नौटंकी का प्रदर्शन बदस्तूर जारी है! वो भी सोशल मीडिया पर फोटो सेशन के साथ!


- नया इंदौर, स्मार्ट सड़के, स्मार्ट चौराहे, स्मार्ट वार्ड, स्मार्ट बी आर टी एस, स्मार्ट टाउनशिप, स्मार्ट बिल्डिंग, स्मार्ट कॉलोनीया, स्मार्ट टाउनशिप सब मात्र दो दिन के चुल्लू भर पानी में किनकी करतूतों, भ्रष्टाचार और अज्ञानी अदूरदर्शी तथाकथित विकास की वजह से हकीकत में पानी – पानी हो रहे हैं!
- इंदौर को स्मार्ट सिटी बनाने मे कितने साल और लगेंगे अभी!? क्योंकि पिछले 30 सालो में कुछ तो नही बदला!
पिछले 30 सालो से लेकर आज के स्मार्ट शहर इंदौर में हर साल सभी विधानसभाओ मे न जाने कितनी बस्तियाँ और कॉलोनीया है! जिनमें ज्यादा बरसात में पानी घरों में घुस जाता है! सड़के और गालियाँ तालाबों में बदल जाती है!
शर्म तो तब आती है कि 30 – 40 साल पहले कान्ह नदी के आसपास, नालों के किनारों की बस्तियों और निचले इलाक़ों की निम्न मध्यम वर्गीय कालोनियों तक बाढ़ और बरसात का पानी लोगों के घरों में घुसता था! अब तो मुख्य मार्गों से लेकर पिछले 10- 20 सालो में नए इंदौर की कॉलोनीयों और टाउनशिप मे भी ज्यादा बरसात होने पर बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं!? कौन जिम्मेदार हैं!?
इंदौर में पिछले दो दिनों से जारी लगातार बरसात की वजह से सभी विधानसभाओ के वर्तमान और भावी विधायक के अलावा कलेक्टर, महापौर और विभिन्न वार्डों के पार्षद पूरे शहर की उन गलियों और कालोनियों में जहाँ लोगों के घरों में पानी घुसा है और सड़के तालाबों में डूब गई है! वहा घूम रहे थे! और सोशल मीडिया साइट्स पर फोटो डाल रहे थे!? यह नौटंकी ये पिछले 30 सालो से हर उस साल करते आ रहे हैं जब 1 दो दिन लगातार बारिश हो जाय!?
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर