@री डिस्कवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
19 साल से ऑर्बिट मॉल की दुकान की रजिस्ट्री नहीं कर रहा नीतेश चुघ पिता मोहनलाल चुघ!

नीतेश पिता मोहन लाल चुघ ने न्यायालय मे अपने जवाब मे क्रेता के साथ दुकान विक्रय पेटे लिए गए लाखो रुपये नगद, गवाहों के समक्ष सील और साइन किए गए विक्रय अनुबंध, कब्जा रशीद और अंतरण लेख आदि सभी दस्तावेजों को निष्पादित करने से इंकार किया, वो भी बिना किसी सबूत और साक्ष्य के!?
कुख्यात और अक्सर विवादों में रहने वाला ए बी रोड इंदौर स्थित 65 हजार स्क्वेयर फीट पर निर्मित ऑर्बिट माल, इंदौर के तथाकथित प्रतिष्ठित बिल्डर मोहनलाल चुघ की चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स फर्म के द्वारा कुख्यात भू माफिया केशव कुमार नाचानी और मिसेस रेणुका केशव कुमार नाचानी की अलग अलग दो फ़र्मो, मेसर्स राधिका इंटरप्राइजेस और कुणाल इंटरप्राइजेस के स्वामित्व के ए बी रोड इंदौर स्थित स्कीम नंबर 54 के अंतर्गत, प्लॉट नंबर 305 क्षेत्रफल 27761 वर्ग फुट एवं प्लॉट नंबर 306 क्षेत्रफ़ल 36475 वर्गफुट, कुल 64236 वर्गफीट के दो भू खण्डों पर रेशियो डील के तहत दिनांक 16 सितंबर 2004 मे ऑर्बिट माल बनाने के अनुबंध के आधार पर निर्मित किया गया था।
उपरोक्त रेशियो डील के तहत मेसर्स चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स फर्म तर्फे नीतेश पिता मोहनलाल चुघ ने हरदा जिले के रणजीत सोनी से ऑर्बिट माल की सेकंड फ्लोर स्थित प्रकोष्ठ 286 को 11 लाख 97 हजार मे विक्रय अनुबंध कर 51 हजार रुपए टोकन राशि के रूप में प्राप्त किए और दिनांक 30 दिसंबर 2006 को 5 लाख रुपये नगद लेकर दो गवाहों के हस्ताक्षर के साथ विक्रय अनुबंध पत्र निष्पादित किया।
10 दिन बाद दिनांक 10 जनवरी 2007 को नीतेश चुघ ने 5 लाख रुपये नगद प्राप्त कर क्रेता रणजीत सोनी को बकायदा कब्जा रशीद के साथ प्रकोष्ठ 286 का कब्जा सौप दिया. और बकाया 1 लाख 46 हजार रुपये रजिस्ट्री के समय लेने का अनुबंध किया. लेकिन जनवरी 2007 से लेकर आज दिनांक तक सेकड़ो बार मौखिक, लिखित और वकील के माध्यम से सूचित करने के बाद भी नीतेश चुघ ने रणजीत सोनी को विक्रय किए गए प्रकोष्ठ 286 की रजिस्ट्री नहीं की!
थक हारकर पीड़ित रणजीत सोनी ने न्यायालय में परिवाद दायर किया नोटिस प्राप्त करने के बाद नीतेश पिता मोहनलाल चुघ न्यायालय में रणजीत सोनी को लिखित मे सील और साइन के साथ किए गए विक्रय अनुबंध से ही मुकर गया!
अपने जवाब मे उसने मौखिक रूप से किसी भी तरह के विक्रय अनुबंध, कब्जा रशीद, कोई अंतरण लेख निष्पादित नहीं करने की बात कही और हस्ताक्षर व नगद राशि प्राप्त करने को भी मानने से इंकार कर दिया! वो भी बिना किसी सबूत और साक्ष्य के!?
दिनांक 4 फरवरी 2025 को माननीय न्यायाधीश वंदना सिंह ने पीड़ित रणजीत सोनी के दस्तावेजी सबूतों और साक्ष्यों को मान्य करते हुए इन्दौर के ए बी रोड स्थित ऑर्बिट माल के सेकंड फ्लोर के प्रकोष्ठ क्रमांक 286 पर अस्थाई निषेधाज्ञा जारी करते हुए चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स फर्म नीतेश पिता मोहनलाल चुघ को उपरोक्त प्रकोष्ठ को किसी भी अन्य व्यक्ति को विक्रय, दान, बंधक या किसी अन्य प्रकार से अंतरित करने पर रोक लगा दी है।
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यू्ज इंदौर