@री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर 

पंजाबी सराफ लाए हैं!! इंदौर में पहली बार ज्वेलरी और जेवरातो का राजसी कलेक्शन! जो देगा आपके व्यक्तित्व को राजसी लुक और शाही अंदाज!

पंजाबी सराफ की हर बार कुछ नया करने की चाहत लाई है, पुष्य नक्षत्र और धनतेरस के खास मौके पर पंजाबी सराफ प्रस्तुत कर रहे हैं ज्वेल्स ऑफ़ मालवा। राजघरानों से प्रेरित इस ब्राइडल ज्वेलरी कलेक्शन को पंजाबी सराफ ने सालों की मेहनत से बनाया है, कई राजपरिवारों के साथ पंजाबी सराफ की बातचीत, उनके निजी कलेक्शन, देश विदेश के संग्राहलयों में मौजूद आभूषणों के कलेक्शन के अध्ययन के बाद बना है ज्वेल्स ऑफ़ मालवा। सोने, हीरे, पोल्की और बहुमूल्य रत्नो से बना ये कलेक्शन अपने आप में एक मिसाल है और पंजाबी सराफ के खास कलाकारों ने इसे महीनो की मेहनत से इसे बनाया है। ज्वेल्स ऑफ़ मालवा उनके लिए है जो अपनी विरासत का मूल्य भी जानते हैं और नए समय के साथ आगे भी बढ़ रहे हैं।

इंदौर में सबसे पहले BIS हॉलमार्क ज्वेलरी की शरुआत से लेकर हीरे के सर्टीफिकेशन्स तक पंजाबी सराफ ने कई ऐसे नवाचार किये जिसने इंदौर के आभूषण व्यवसाय को एक नयी दिशा दी।  पिछले 20 सालों में पंजाबी सराफ को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 18 से भी अधिक अवार्ड्स मिले, 50000 से भी ज़्यादा परिवारों का साथ पंजाबी सराफ को मिला और पंजाबी सराफ के 56 दुकान स्थित स्टोर को मध्यभारत के सर्वश्रेष्ठ स्टोर अवार्ड से सम्मानित किया गया। व्यापार और व्यवहार में पूर्ण पारदर्शिता और शुद्धता के कारण ही पंजाबी सराफ का नाम उन गिने चुने नामों में शामिल है जो कभी गुणवत्ता से समझौता नहीं करते।

पंजाबी सराफ का सफर 77 साल पहले 1947 मे बड़ा सराफ में शुरू हुआ, जब पंजाबी सराफ के संस्थापक श्री हरिश्चंद्र आनंद ने रावलपिंडी से आकर इंदौर में कदम रखा, सच्चाई और ईमानदारी के जिन मूल्यों पर पंजाबी सराफ की नींव रखी गयी वह श्री आनंद को अपने पूर्वजों से विरासत में मिली। इस सफर में पंजाबी सराफ को इंदौर से वह प्यार मिला जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। पंजाबी सराफ ने आभूषणों का व्यापार नहीं किया, बल्कि संस्कारों और ईमानदारी का व्यवहार किया, और इस शहर से पंजाबी सराफ का सम्बन्ध और मजबूत होता गया। 

@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज इंदौर 

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