@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
अग्रवाल ग्रुप ऑफ़ स्कूल का चेयरमैन पुरुषोत्तम अग्रवाल! ये कैसा धन पिपाशु और घोर अहंकारी अग्रवाल है!?
- बुधवार 31 जनवरी 2024 का दिन इंदौर के अग्रवाल ग्रुप के तथाकथित चैयरमेन पुरुषोत्तम अग्रवाल और उनके पुत्र पीयूष अग्रवाल के लिए न सिर्फ शर्मनाक दिन था वरन उनके स्कूल संचालन की योग्यता, बुद्धिमत्ता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर देने वाला दिन था!*
- जिन आरोपों को लेकर हिंदू संगठनों ने चमेली देवी पब्लिक स्कूल के सामने प्रदर्शन किया! और 15 सूत्रीय मांगों के ज्ञापन के साथ चेतावनी दी है! वो न सिर्फ अग्रवाल ग्रुप के चेयरमैन पुरुषोत्तम अग्रवाल की माँ चमेली देवी जिनके नाम पर स्कूल हैं! उसे कलंकित किया है ! वरन हिंदू धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया है!
- स्कूल के अंदर हिंदू धर्म विरोधी गतिविधियों के तहत धार्मिक चिन्हों पर रोक टोक, लव – जेहाद, एक सम्प्रदाय विशेष के टीचरो का स्कूल में प्रभुत्व, स्कूल में मांस का भक्षण जैसे कई गंभीर आरोप हिंदू संगठन ने छात्रों, टीचरों और वहा के स्टाफ से मिली शिकायतों और जानकारी के आधार पर लगाए हैं!
- मात्र 4 थी कक्षा तक पढ़ा कोयले और ट्रांसपोर्ट का व्यवसायी! जिसने ट्रांसपोर्ट और कोयले की काली – सफेद कमाई को रियल एस्टेट और फिल्म फ़ाइनेंस के धंधों में लगाकर अकूत दौलत खड़ी कर ली! सन 1995 में इसके व्यवसायिक दिमाग ने शिक्षा को धंधा बनाने की व्यवसायिक नीयत से बिचौली हपसी रोड पर अग्रवाल पब्लिक स्कूल की स्थापना की!
- उसके बाद इंदौर के केसर बाग रोड स्थित तेजपुर गडबड़ी मे बावड़ी और नाले के ऊपर!!? और रेल्वे स्टेशन के पास एक व्यवसायिक काम्प्लेक्स यशवंत प्लाज़ा की तीसरी मंजिल नर्सरी से पांचवी कक्षा तक!? स्कूली शिक्षा विभाग और नगर निगम के समस्त कानूनो की धज्जियाँ बिखरते हुऎ अपनी माँ के नाम पर चमेली देवी पब्लिक स्कूल चालू किए!?*
- पुरुषोत्तम अग्रवाल के घोर अहंकारी, हठधर्मिता, जिद्दीपन अशिक्षित और उद्दंड व्यवहार की वजह से कोई स्वाभिमानी और इज्जतदार टीचर इसके स्कूलों में ज्यादा दिन नहीं टिक पाया! इस वजह से छात्रों को पढाई का नुकसान होने लगा और जिसका प्रभाव छात्रों के रिजल्ट पर पड़ने लगा!
- इसके व्यवहार और मैं, मेरा अनुभव और मेरी व्यवसायिक सफलता ही सर्वश्रेष्ठ पाठ्यक्रम है कि घोर अहंकारी स्वभाव और अशिक्षित भाषा शैली की वजह से दिन प्रतिदिन टीचर और छात्रों के अभिभावकों को जलील और अपमानित करने की वजह से न सिर्फ योग्य और स्वाभिमानी टीचरों ने स्कूल छोड़ा वरन छात्रों ने भी एडमिशन लेना बंद कर दिया!
- चूंकि स्कूल घाटे में चलने लगे! अब कोढ़ में खाज़ यह कि पुरुषोत्तम की व्यवसायिक बुद्धि में एक नई फ़ितरत ने जन्म लिया! उसने सोचा कि स्कूलों में छात्रों को पढाई जाने वाली पाठ्य पुस्तकों में अनाप शनाप मुनाफा है! और देश मे लाखो स्कूल है! करोड़ों पुस्तकें हर साल बिकेगी और अरबों – खरबो का फायदा होगा! तो भाईसाहब पुरुषोत्तम अग्रवाल ने अपने कोयले और ट्रांसपोर्ट का बिजनेस अपने छोटे भाई के हवाले कर दिया! जिसके लिए अब पछतावे के सिवा कोई चारा बचा नहीं! क्योंकि छोटा भाई कोयले का किंग बन चुका है!
- सन 2006 में 4 थी कक्षा तक पढ़े पुरुषोत्तम ने LBF पब्लिकेशन के नाम पर कंपनी बनाकर LBF पाठ्यपुस्तकों को कक्षा के जीं से 8 वी तक के लिए प्रकाशित करवाई! और करोड़ों रुपये खर्चा कर जोर शोर से से फिल्मी दुनिया के बी ग्रेड के सितारों के साथ पूरे भारत में प्रचार अभियान की योजना पर काम शुरू कर दिया! और ब्रांड एम्बेसेडर बनाया कोर्पोरेट धार्मिक गुरु श्री अवधेशानन्द गिरी जी महराजा को! और पुस्तकों के लेखक स्वयं 4 थी क्लास पुरुषोत्तम अग्रवाल!
- पर ये क्या!! बाजार में LBF पाठ्यपुस्तकों को उतारते ही मालूम पड़ा कि सारी पुस्तकों मे गलत पाठ्यक्रम और गलत तथ्यों और जानकारियों से भरी पड़ी है! सब जगह थू – थू होने लगी! और जग हसाई अलग से! पूरी कंपनी घाटे में चली गई!
- लेकिन बेशर्मी और धन पिपाशुपन इतना की उनमें चिपकी चिपकाकर अपने ही स्कूलों के बच्चों को बेच रहे हैं!
- और तो और अपनी पत्नी द्वारा लिखित पुस्तक “मलंग” भी 299 रुपए में सीबीएसई के न जाने किस कानून के तहत चमेली देवी पब्लिक स्कूल की ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से बेच रहे हैं!
- पाठकों की जानकारी के लिए यहाँ बताना जरूरी है कि “मलंग” शब्द का शाब्दिक अर्थ एक मुस्लिम फकीर जो रहस्यमई निश्चिंत और मस्त रहते हैं, उनके लिए प्रयोग किया जाता है!
- @प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर