@री डिसकवर इंडिया न्यू्ज (Rediscover India News)
सिक्ख कौम और गुरूसिंह सभा (Gursingh Sabha) की प्रतिष्ठा, संपन्नता और इतिहास किसी भी रिंकू (Rinku Bhatia), मोनू (Monu Bhatia), बॉबी (Bobby Chhbara), की तथाकथित प्रतिष्ठा? संपन्नता? और इतिहास? से बहुत ऊपर है जिसकी तुलना करना न सिर्फ बेमानी होगा वरन एक तरह से पाप होगा।
यह इंदौर के सिक्ख (Sikkh) समाज की खुशकिस्मती है या बदकिस्मती है? कि मात्र तीन चेहरे, रिंकू, मोनू और बॉबी ही शानदार, दिलदार, खुद्दार, मेहनती, स्वावलंबी, समृद्ध और खुशहाल सिक्ख समाज की धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक नेतृत्व के चेहरे है?
देश और पूरी दुनिया मे सिक्ख समाज मुख्यतः दो नामों से जाना और पहचाना जाता है! पहला “सरदार” और दूसरा “सिक्ख” (Sikkh). पहला शब्द सरदार का मतलब ही होता है जिसमें साहसी नेतृत्व देने की क्षमता हो. और दूसरा शब्द सिक्ख या सिख जिसका पंजाबी में मतलब होता है ईश्वर का शिष्य!
सरदार और सिक्ख के गुणों को मिलाकर ही एक सच्चा गुरु का शिष्य ही सिक्ख या सरदार कहलाने का हक रखता है
अब यह इंदौर के सिक्ख समाज को निर्धारित करना है कि रिंकू भाटिया और मोनू भाटिया दोनों में कौन पूर्ण रूप से सरदार और सिक्ख (Sikkh) है? और कौन समाज और गुरु सिंह सभा का सरदार बनने लायक हैं?
मात्र 500 वर्षो पहले स्थापित इस धर्म के अनुयायीयों ने सिर्फ एक ईश्वर की गुरु द्वारा बताई गई सीख को मानकर! बिना किसी मूर्ति, बिना किसी आडंबर, रूढ़ीवादिता, कट्टरता,व्रत, उपवास, अनुष्ठान, हिंसक बलि प्रथा, जात – पात, भेदभाव के, सिर्फ मानवीय सेवा को ही धर्म को ऐसा सर्वोच्च दर्जा दिया कि दुनिया के सारे धर्म इस आधुनिक धर्म और ईश्वर की उपासना की पद्धति के सामने बौने साबित हो गए!!
सिक्ख समुदाय का भारत की आज़ादी में योगदान, सेना में शौर्य, वीरता और शहादत की ऐसी मिसाल कायम की है कि आजतक भारत के किसी एक धर्म, मजहब या पंथ वो सर्वोच्चता को नहीं छू पाया है जो सिक्ख कौम के नाम पर है!
बात देशभक्ति की हो या देशसेवा की, खेलकूद की हो या सरहद पर वीरता या शौर्यता की, ईमानदारी की हो या चरित्र की सर्वोच्चता की, देश के आर्थिक विकास मे योगदान की हो या समय आने पर देश के लिए सब कुछ कुर्बान कर देने के जिगर की, सज्जनता, सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों की हो या नैतिकता और सच्चाई की. आज पूरे भारत में सिर्फ और सिर्फ एक ही कौम है वो है सिक्ख! और दूसरी कोई भी कौम फिर वो चाहे किसी भी धर्म और सम्प्रदाय की हो वो सिक्ख कौम के आसपास भी नहीं है!
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यूज़ इंदौर (Pradeep Mishra Rediscover India News Indore)