री डिस्कवर इंडिया न्यूज़ इंदौर
महापौर कठपुतली है! शहर से ज्यादा खुद के राजनैतिक भविष्य की चिंता है? अपने राजनैतिक आकाओ के हुक्म का गुलाम है!
40 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले मध्यप्रदेश के सबसे बड़े व्यवसायिक शहर इंदौर की नगर निगम का महापौर और शहर के प्रथम नागरिक के नेतृत्व में, जब खुद की पार्टी के पार्षद पर एक गुट विशेष और महापौर परिषद के अपराधिक चरित्र वाले पार्षद द्वारा पूरे देश में कलंकित करने वाला शर्मनाक अपराधिक कृत्य को अंजाम दिया गया तब महापौर 7 दिनों तक डर की वजह से न सिर्फ चुप रहे वरन् पीड़ित पार्षद से मिलने तक कि हिम्मत न जुटा सके?
एक बुजुर्ग और तकरीबन निवर्तमान विधायक निगम के जोनल अधिकारी को खुलेआम जूते मारने की धमकी देता है? और कठपुतली महापौर चुप रहता है?
शहर के लिए कोढ़ में खाज यह है कि प्रदेश के सबसे बड़े व्यावसायिक शहर इंदौर की नगर निगम न केवल आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है वरन् इसका नेतृत्व भी कठपुतली महापौर जो कभी सरकार का वकील था के हाथ में है?
ऐसे कठपुतली और कायर महापौर से शहर की 40 लाख जनता क्या अपेक्षा कर सकती है?
महापौर के पास शहर के विकास को लेकर न कोई विजन है, और न ही कोई स्वाभाविक बुद्धि और न ही नेतृत्व की निडरता का स्वाभाविक गुण ही है! सब कुछ एक राजनैतिक कठपुतली की तरह संचालित हो रहा है महापौर?
महापौर के राज में न सिर्फ पार्षद और निगम के कर्मचारी असुरक्षित है! वरन शहर के ठेले, रेहड़ी और गुमटीयों पर मेहनत कर रोजी रोटी कमाने वाले से लेकर लाखो रुपए सरकार को राजस्व देने वाले शहर के व्यापारी तक के साथ गैर जिम्मेदाराना और वसूली गैंग की तरह व्यवहार किया जा रहा है?
पिछले 25 सालो से जब से जनता द्वारा शहर का महापौर चुना जाने लगा है, तबसे आज तक का सबसे कमजोर, कायर और कम अनुभव वाला महापौर इंदौर शहर की जनता ने चुना है, जिसकी सजा वह खुद भुगत रही है!
@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्ज इंदौर