@री डिस्कवर इंडिया न्यू्ज इंदौर
इंदौर जिले में 32 करोड़ की जमीन के मालिक, 45 वर्षीय किसान की आत्महत्या के पीछे पूर्व कांग्रेसी जनपद पंचायत अध्यक्ष, और प्रॉपर्टी दलाल का षड्यंत्र बना फांसी का फंदा?
इंदौर – दिनांक 1 मार्च 2025 को थाना खुड़ेल अंतर्गत नेमावर रोड स्थित ग्राम असरावद बुजुर्ग के किसान विजय पिता निर्भय सिंह ने डर, भय और घोर निराशा की वजह से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी!
11 अप्रैल 2025 को मृत किसान विजय सिंह की माँ ने थाना प्रभारी, थाना खुड़ेल को एक लिखित शिकायती आवेदन मे आरोप लगाया है कि मेरे पुत्र विजय पिता निर्भय सिंह को आत्महत्या के लिए विवश करने वाले राम सिंह पारिया पिता वृंदावन पारिया, दलाल निलेश पिता लक्ष्मण सिंह वर्मा, फूल सिंह और उसका परिवार है!
क्योंकि इनके द्वारा मेरे बेटे विजय पर दवाब बनाया जा रहा था कि अपनी 8 बीघा जमीन को सस्ते में राम सिंह को बेच दो या फिर 2 करोड़ रुपये जमीन के झगड़े को निपटाने मे और लगेंगे जिस कारण मेरा बेटा विजय बहुत तनाव में था। आखिरकार 1 मार्च 2025 को उसने डर, दुःख और घोर निराश की स्तिथि मे आत्महत्या कर ली!
थाना खुड़ेल स्पष्ट सबूत मय दस्तावेजों और स्पष्ट गवाहों के होने के बावजूद जांच मे लीपापोती कर रहा है? और अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रहा है? वहीं दूसरी तरफ आरोपीगण मृतक विजय के परिवार और भाईयों को खुलेआम धमकी दे रहे है।
राम सिंह पारियां पूर्व कांग्रेसी जनपद पंचायत अध्यक्ष रह चुका है! और अपराधिक प्रव्रती का है! कई गंभीर अपराधिक प्रकरण पुलिस थाने में इसके खिलाफ दर्ज है!
कलेक्टर राजस्व न्यायालयो मे झूठी और फर्जी आपत्ति कतिपय लालची लोगों से लगवाकर सीधे साधे किसानो को ब्लेकमेल कर, डरा धमकाकर, उनकी बेशकीमती जमीनों को औने पौने दामों मे खरीदना या फिर ब्लैक मेल कर समझोता करने के नाम पर करोड़ों रुपए की मांग करना को पूरी गैंग बनाकर अपराधिक साज़िशों को अंजाम देने का पेशा बना रखा है? इसकी अपराधिक साज़िशों के जरिये कई नामचीन बिल्डर और कॉलोनाइजर भी पर्दे के पीछे से इसका साथ देते हैं और दे रहे है!
बिल्डर, दलाल और अपराधिक पृष्टभूमि के दबंगो की घातक तिकड़ी ने विजय सिंह जैसे सीधे साधे 45 साल के किसान को बड़ी बेबसी, मजबूरी और घोर निराशा की स्तिथि मे लाकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया!
किसान विजय सिंह की आत्महत्या एक सुनियोजित अपराधिक षड्यंत्र के तहत की गई एक लोमहर्षक और जघन्य हत्या है! क्योंकि हर आत्महत्या एक प्रकार से डर, भय और अपराधिक कुचक्र को हथियार बनाकर उससे की गई हत्या ही है?
@प्रदीप मिश्रा री डिस्कवर इंडिया न्यू्ज इंदौर