@री डिसकवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर 

जैन समाज की इंदौर मे हैलोवीन पार्टी पर इतना बवाल क्यों मचाया जा रहा है?

लोग इज्ज़तदार थे, सम्माननीय थे, पारिवारिक थे, और चरित्रवान थे। पार्टी की जगह भी शहर के अंदर ऐतिहासिक थी।

  • न वो हग डे (Hug Day) मना रहे थे ! न वेलेंटाइन डे मना रहे थे ! न प्रपोज डे माना रहे थे !
  • न वो शराब पार्टी थी!
  • न नॉनवेज पार्टी थी!
  • न कॉकटेल पार्टी थी!
  • न ड्रग्स की रेव पार्टी थी!
  • न वहाँ तेज डी जे बज रहा था!
  • न ही अंग प्रदर्शन करते हुए अश्लील गाने व डांस हो रहा था!
  • न कोई बार गर्ल और न ही रशियन गर्ल की नुमाइश वाली पार्टी थी!
  • न ही वहां जुआ या सट्टा खेला जा रहा था!
  • और न ही अल सुबह तक चलने वाली पार्टी थी!

और न ही धर्म और आधुनिकता के नाम पर अश्लील फिल्मी गानों पर प्यार, अय्याशी करने का किसी मीडिया या संस्था का 5 दिनी व्‍यवसायिक गरबा राश?

ऐसा उस पार्टी में कोई भी अपराधिक, अश्लील, अशोभनीय कृत्य नहीं किया जा रहा था जिसे हमारा कानून रोकता हो? फिर शहर में और मीडिया में इस पार्टी को लेकर इतना बवाल क्यों मचाया जा रहा है? यह थोड़ा समझ से परे है!

आज तक तथाकथित राष्ट्रीय मीडिया ने कभी भी सुबह तक चलने वाली शराब, सवाब, कवाब, नशे, ड्रग्स, रेव, जंगल पार्टियां, बार, रशियन गर्ल की नुमाइश वाली पार्टियों को इतना कवरेज नहीं दिया और न ही शहर में इतना हल्ला हुआ जितना इस जैन समाज की हैलोवीन पार्टी पर किया जा रहा है?

पूरा बवाल सिर्फ इस बात का है कि मेडिकल कॉलेज परिसर में इजाजत क्यों और किसने दी है? और कुछ नामचीन जैन समाज के चेहरों को समाज के ही कुछ लोगों द्वारा बदनाम करने की कुचेष्टा की जा रही है?

इंदौर के एम जी एम मेडिकल कॉलेज के परिसर में स्थित ब्रिटिश काल की 146 साल पुरानी किंग एडवर्ड मेडिकल स्कूल की इमारत में जैन सोशल ग्रुप ने हैलोवीन (भूत – प्रेत की वेषभूषा या मुखोंटा मे पार्टी) का कुछ घंटों के लिए आयोजन किया था!

हैलोवीन के शाब्दिक अर्थ पर जाएं तो इसका मतलब होता है-आत्माओं का दिन। यह पश्चिमी देशों का एक त्योहार है। जिसका मकसद पूर्वजों की आत्मा को शांति पहुंचाना होता है।

पश्चिम में ईसाई समुदाय में सेल्टिक कैंलेंडर के आखिरी दिन यानी 31 अक्टूबर को हैलोवीन फेस्टिवल मनाया जाता है। अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों के कई राज्यों में इसे नए साल की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोग डरावने या यूं कहें कि भूतिया गेटअप के साथ सड़क पर निकलते हैं। हैलोवीन पार्टी सदियों से मनाया जा रहा है। अब धीरे-धीरे भारत में भी इसका क्रेज बढ़ता जा रहा है। ईसाई समुदाय के लोगों की ऐसी मान्यता रहती है कि हैलोवीन डे के दिन भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्‍माओं को शांति मिलती है।

@प्रदीप मिश्रा री डिसकवर इंडिया न्यू्‍ज इंदौर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *